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ब्रेकिंग न्यूज: *बिन पेंदे का लोटा बनकर घूमते हैं भाजपा की चाबुक के मारे* पढ़ें प्रेम चंद्र अग्रवाल प्रकरण पर प्रधान संपादक*जीवन जोशी* की अपनी बात…

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देहरादून। पहले कर क्यों किया फिर पीछे क्यों पछताए! आज प्रेम चंद्र अग्रवाल पर यह लाइन सटीक बैठ रही है! जब संसदीय कार्यमंत्री की हैसियत से पहाड़ियों के खिलाफ उदगार निकल रहे थे और पूरी विधानसभा की कार्यवाही के बीच प्रेम चंद्र अग्रवाल जो मन आए वह बक रहे थे तब ये क्यों नहीं सोचा कि इसका परिणाम क्या होगा!

नेता जी बहुत होशियार वित्त मंत्री हैं लेकिन उनकी जुबां पर अहंकार बैठ गया और शनि महाराज ने पतन का मार्ग दिखा दिया! वित्त मंत्री संसदीय कार्यमंत्री कितना अहम पद था! पद की गरिमा नहीं रहेगी तो इंसान की गरिमा कहां होगी!

जानकारी मिली है प्रेम चंद्र अग्रवाल के समर्थक सरकार और सीएम पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं जो अमर्यादित और अशोभनीय हैं! सीएम पुष्कर धामी ने जिस सहजता और ठंडे दिमाग से काम किया वह सबके बस की बात नहीं है!

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प्रेम चंद्र अग्रवाल या उनके समर्थक सीएम पुष्कर धामी पर अनर्गल आरोप लगाकर अपना ही नुकसान कर रहे हैं क्योंकि इस पूरे प्रकरण की किताब खुली हुई है! सबने प्रेम चंद्र अग्रवाल को सुना है!

सीएम पुष्कर धामी ने जो निर्णय लिया या जिस स्थिति को संभाला वह भी सबके बस की नहीं है! आखिरकार मंत्री पद से हटाया गया प्रेम चंद्र अग्रवाल को और जनता का विश्वास जीतने में सीएम पुष्कर धामी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है!

प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कुछ भी गलत राजनीतिक कदम उठाया तो हाल क्या होगा इसका आंकलन स्वयं पहले ही प्रेम चंद्र अग्रवाल को करना होगा! भीड़ अंधी होती है उसे कुछ दिखता नहीं इसीलिए कानून के सहारे भीड़ को नियंत्रित किया जाता है!

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भाजपा ऐसा संगठन है जिसमें अनुशासन है! जिसने भी भाजपा में बगावत की या हाईकमान की नजर में गलत लगा तो उसे भाजपा घर बिठा देती है! बड़े बड़े नेता इसके उदाहरण हैं!

एक बार की बात है भाजपा कार्यालय में देहरादून चोरी हो गई थी लाखों की, पार्टी स्तर से जांच हुई तो पता चल गया कि पूरा प्रकरण क्या है! लेकिन पार्टी ने सम्मान जिंदा भी रखा और उस नेता को हमेशा के लिए घर बिठा दिया! किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता था!

ऐसे ही कई दिग्गज हैं जो घूम रहे हैं अपने पुराने स्टारों को लगाकर लेकिन हाईकमान ने जिसे रिटायर कर दिया वह बिन पेंदे का लोटा बनकर रह जाता है।

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