
नैनीताल। हल्द्वानी में उपद्रव के जनक और बनभूलपुरा क्षेत्र में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसके पुत्र अब्दुल मोईद समेत 19 लोगों को हाईकोर्ट ने फिर से कोई राहत नहीं दी है।
इन सभी की जमानत याचिका पर वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
इसके बाद खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 5 मई की तिथि नियत की है । बताते चलें अब्दुल मलिक को राजकीय भूमि खुर्द-बुर्द करने के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
इधर हिंसा फैलाने के आरोप में उसकी और अन्य आरोपियों की अभी तक जमानत नहीं हुई है। मामले के अनुसार, अब्दुल मलिक समेत अन्य के खिलाफ वनभूलपुरा हिंसा के समय चार मुकदमे दर्ज हुए थे।
इसमें से एक चर्चित मामला यह भी था कि मलिक ने कूटरचित, झूठे शपथपत्र के आधार पर राजकीय भूमि को हड़पने का कार्य किया। आरोप है कि उनके द्वारा नजूल भूमि पर कब्जा करके प्लॉटिंग और अवैध निर्माण करके उसे बेचा गया।
इधर राज्य सरकार की तरफ से जमानत प्रार्थनपत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि वनभूलपुरा हिंसा की शुरुआत यहीं से हुई थी।
बताते चलें जब प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने गया तो उन पर पथराव किया गया और बाद में इसने हिंसा का रूप ले लिया। इसी हिंसा में सरकारी कर्मचारी, पुलिसकर्मी समेत अन्य लोग घायल हो गए और कई लोग मारे गए थे।
















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