वाराणसी।
ज्ञानवापी परिसर में जांच के बाद हिंदू समाज में खुशी का माहौल है अब हिंदू धर्म के अनुयाई कहते हैं कि भारत में जितने भी हिंदू मंदिर हैं जिनको तोड़कर मस्जिद बनाया गया था अब उन सभी स्थानों का पता लगाया जाना चाहिए और मुगलों की दादागिरी को समाप्त करने का समय आ गया है। विश्व हिंदू परिषद ने स्पष्ट किया है कि औरंगजेब ने जितने भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी सबका पता लगाकर पुनः मंदिर बनाया जाएगा चाहे कुछ भी करना पड़े अदालत पर विश्वास है कि वह सत्य को उजागर करेगी। इधर कुछ लोग कहते हैं कि औरंगजेब ने 1669 में 40 मन हिंदू समाज की जनेऊ उतारकर उनको मार मार कर मुसलमान बनाया था इसलिए उनको भी फिर से हिंदू धर्म में शामिल करने की पहल होनी चाहिए। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि ताजमहल में भी पहले शिव मंदिर था इसलिए उन सभी स्थानों की जांच होनी चाहिए जहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई हैं। इधर सपा नेता रूबीना खान ने अलीगढ़ में बयान दिया था कि ज्ञानवापी में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है तो ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को सौंप दिया जाना चाहिए ये ने सपा मुखिया को में हजम हुई उन्होंने रूबीना खान को पद से ही हटा दिया। कांग्रेस में भी कुछ लोग सत्य के पक्ष में हैं लेकिन पार्टी हाईकमान के डर से वह खुलकर कुछ नहीं कह पा रहे हैं। ज्ञानवापी परिसर में मंदिर होने के प्रमाण मिलने के बाद हिंदू समाज चाहता है कि उन सभी स्थानों की जांच होनी चाहिए जहां मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। ज्ञानवापी परिसर के बाद अब देश के कोने कोने से आवाज आ रही है कि अब समय आ गया है जब सभी मंदिरों को मुक्त कराया जाए। इधर मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी लोग भी चाहने लगे हैं कि विवाद का हल निकाला जाना चाहिए जिससे देश में शांति कायम रहे और हर धर्म को सम्मान मिल सके। हिन्दू समाज के बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि मस्जिद तोड़कर मंदिर नहीं बनना चाहिए लेकिन जहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है वहां फिर से मंदिर होना चाहिए। कुछ लोग कहते हैं कि औरंगजेब ने जितने हिंदुओं को मुसलमान बनाया था उनको फिर से हिंदू धर्म में शामिल किया जाना चाहिए इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहल शुरू होनी चाहिए जिससे सुबह का भूला शाम को अपने घर लौट सके।
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