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किसानों के चेहरे खिले! इस साल टूट जायेगी परंपरा! पढ़ें क्या रही है पहाड़ की परंपरा…

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दूरगामी नयन डेस्क

बिंदुखत्ता। कई दिन से बरसात का इंतजार कर रहे किसान आज बारिश होने के बाद खेती बाड़ी के काम में जुट गए हैं। आज सुबह से शुरू हुई बारिश ने जहां भीषण गर्मी से राहत दी है वहीं किसान धान लगाने में जुट गए हैं। किसानों ने इंद्र देव को धन्यवाद भी दिया है। काफी दिनों से किसान बारिश नहीं होने के कारण परेशान थे। कई किसानों ने इस बार सूखे की आशंका जताई थी लेकिन मेघ बरस गए और किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखने को मिल रही है। हर तरफ किसान खेतों को तैयार करने में जुट गए हैं। तराई भाबर में किसान धान लगाने की युद्ध स्तर पर तैयारी में जुट गए हैं। बताते चलें पहाड़ की परंपरा रही है कि हरेला पर्व से पूर्व धान लगा दिए जाते हैं और हरेला बाद धान की पौध नहीं लगाते लेकिन इस बार धान हरेले के बाद तक लगते रहेंगे। बारिश नहीं होने के कारण परंपरा भी टूट जायेगी। बारिश शुरु होने से किसान एक दूसरे को बधाई भी दे रहे हैं। समूचे क्षेत्र में किसान खेतों में पानी देख खुश नजर आ रहे हैं। बारिश नहीं होने से भूमिगत जल स्तर भी काफी गिर गया था जिससे पेयजल को तक हाहाकार मचा था।

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