
बिंदुखत्ता। उत्तराखंड में अनगिनत त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें से एक है घी त्यार इसका भी अपना अलग ही महत्व है इसे ओगिया पर्व भी कहते हैं। इस दिन लोग गाय का घी जरूर खाते हैं। और मंदिरों में नई फसल चढ़ाते हैं। अरबी के गुप्पल, मक्का, मौसमी सब्जी, फल आदि इस पर्व मंदिर में चढ़ाने की परंपरा है। ये सावन मास के समापन और भादो मास के आगमन का प्रतीक पर्व भी कहा जा सकता है। कहते हैं जो इस त्योहार को घी नहीं खाता वो गनेल की योनि पाता है।


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