देहरादून।
उत्तराखंड राज्य किसके लिए मांगा था और किसकी एशगाह बन रहा है ? उत्तराखंड के हर हाथ को काम मिलेगा और दरबारी की पहचान से पूर्व सैनिक को मुक्ति मिलेगी! महिलाओं को हाड़तोड़ मेहनत से मुक्ति पथ मिलेगा! पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी उत्तराखंड के काम आ सकेगी! खनिज संपदा का सदुपयोग होगा और हर परिवार की आर्थिकी में सुधार के लिए कल्याण कारी योजनाएं चला करेंगी! राज्य बना कई सरकार बन गई बाइस साल में लेकिन अब तक उत्तराखंड राज्य आंदोलन में जो दमन हुआ उसके आरोपी आज दिन तक खुले घूम रहे हैं! रोजगार के लिए दरवाजे खुले तो हाकिम जैसे लोगों की गैंग ने रोजगार दिलाने पेपर आउट कर रोजगार दिलाने का समानांतर रोजगार ऑफिस खोल लिया ! जिसमें सैकड़ों लोगों का मंत्री मंडल बन गया! जिसकी परतें पुष्कर धामी सरकार में एस आई टी खोल रही है। धामी सरकार ने जिस अंदाज में गिरोह का पर्दा फाश किया उससे साफ होता है कि इस दलाल तंत्र का प्रवेश राज्य बनने के साथ ही शुरू हो गया था। अब ये जांच का विषय है कि किस किस विभाग में इस तंत्र का कब्जा है। आम गरीब को कैसे रोजगार अब मिलेगा! सरकार राज्य बनने के बाद के सभी भर्ती प्रकरण की जांच करवाए तो कई और इसमें छुपे रुस्तम सामने आयेंगे। बेरोजगार के साथ हाकिम जैसे लोग जो अन्याय कर रहे हैं उससे राज्य के बेरोजगार को अब रोजगार मिलना कठिन प्रतीत होता है। हर परीक्षा का पेपर पहले ही जब आउट हो जायेगा तो कैसे आम बेरोजगार को रोजगार मिलेगा! करोड़ों की रकम बटोरने का ये क्रम उत्तराखंड के सपनों की हत्या से कम नहीं है। सरकार हाकिम जैसे लोगों पर राज्य के बेरोजगार के सपनों की हत्या का मुकदमा भी दर्ज करे। कहा गया है: * सब कुछ नहीं होता आदमी का मर जाना, सबसे खतरनाक होता है आदमी के सपनों का मर जाना* हाकिम जैसे न जाने कितने ही हाकिम होंगे जिन्होंने राज्य के युवाओं के सपनों की हत्या का ठेका लिया है। धामी सरकार ने ये दिखा दिया है कि उनकी सरकार में अपराध जेल में होगा! आज से पहले की किसी सरकार ने इतना बड़ा घोटाला नहीं पकड़ा! हर सरकार में ये तंत्र अपने काम को अंजाम देता रहा आंखिर धामी सरकार में इस तंत्र का पर्दा फाश हो रहा है जो धामी सरकार की उपलब्धि कही जा सकती है! राज्य में रोजगार के लिए एक खिड़की बने जिससे इस तरह के तंत्र को जड़ से समाप्त किया जा सके! उत्तराखंड में रोजगार नीति अन्य राज्य से अलग बने जिससे हर साल बेरोजगारी को तेजी के साथ कम किया जा सके। राज्य बनने के बाद जितनी भरती हुई सब में हाकिम जैसी गैंग ने अपना खेल खेला होगा तो कितना बड़ा अन्याय इसे कहेंगे! सरकार बाइस सालों की भर्ती की जांच ईमानदारी से करवाए तो कई घोटाले और कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी जिन्होंने युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया है। धामी सरकार की परीक्षा भी ये है कि वह कहां तक इसकी तह में जाती है। सरकार पर जनता की नजरें टिकी हैं, लोगों को विश्वास है सीएम पुष्कर धामी किसी को भी माफ नहीं करेंगे।
🖋जीवन जोशी
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