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शांत वादियां अशांत क्यों हो रही हैं ? पढ़ें जीवन की कलम से…

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*नैनीताल/बिंदुखत्ता।*महिला उत्पीड़न मामले में सरकार ने साफ कर दिया है कि वह जांच में जो भी दोषी ठहराया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। अंकिता भंडारी की हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है! लोग सोचने पर मजबूर हो गए कि अपराधी कितने दबंग हैं कि उन्होंने एक उन्नीस साल की बालिका को मार डाला! उत्तराखंड में जितने होटल, रिसोर्ट, वियर बार, स्पा सेंटर बने है कहीं ना कहीं ये अधिकांश अय्याशी का अड्डा नजर आने लगे हैं! अंकिता की मौत से पर्दा तो तब उठा जब उसने अपने दोस्त को पूरी कहानी पूर्व में बताई थी! अंकिता ने बताया था वो जांच का आधार बना! लेकिन जो किसी को बताए बिना गायब हो रहे हैं उनका क्या ? अनगिनत अंकिता गुमनाम मौत की नींद सुला दी गई! पर्यटन के नाम पर उत्तराखंड को पाश्चात्य संस्कृति का अड्डा बनने से रोकना होगा! जितने भी रिसोर्ट बने हैं उनकी नियमित मानिटरिंग हो इसके लिए हर कोतवाली क्षेत्र को इसके लिए सर्किल बनाया जाए! उत्तराखंड की सीधी साधी जनता इस बात को लेकर चिन्तित हो गई है कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपने ही घर में इस तरह की घटना को दबंग लोग अंजाम देंगे। आज पहाड़ की आबरू खतरे में नजर आने लगी है। पर्यटन के नाम पर उत्तराखंड को जिस दिशा में ले जाया जा रहा है उसके लिए कहीं न कहीं तथाकथित नेताओं का पूरा संरक्षण है। गरीब झोपड़ी बनाता है तो दूसरे दिन वन विभाग द्वारा झोपड़ी तोड़ दी जाती है और अतिक्रमण करने वाले पर धारा छब्बीस फारेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया जाता है! लेकिन जहां रिसोर्ट, होटल सरकार की कीमती जमीन कब्जा कर रहे हैं उनकी विभाग वाले दावत खाते नजर आते है! होली, दिवाली को गिफ्ट देते हैं ये रिसॉर्ट वाले! हर होटल जो पहाड़ में बना है उसने कितनी जमीन सरकारी हड़पी है ये जांच से ज्ञात होगा। पहाड़ की भोली भाली जनता की कीमती जमीन भू माफिया हड़प रहे हैं, शराब पिलाकर लोगों की जमीन डकार रहे हैं जिसे कोई देखने वाला नहीं है। उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सरकार को चाहिए की वह राज्य की दिशा व दशा पर चिंतन करे! भू माफिया ने पूरे राज्य को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है। पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। उत्तराखंड को बरबाद करने वाले लोग अपने बीच से पैदा हो रहे हैं। गैर उत्तराखंडी उत्तराखंड को गलत दिशा देने में सक्षम नजर आ रहे हैं। अपराध से बचने के लिए राजनीतिक चोला ओढ़ा जा रहा है। अंकिता की मौत ने सोचने को मजबूर जहां किया है वहीं भर्ती घोटाले ने जनता की जमीन हिला दी है! विधान सभा अध्यक्ष जैसा पद और उसमें बैठा पदाधिकारी इतनी घटिया हरकत करे तो क्या कहा जाए ? जनता दोनों विधानसभा अध्यक्ष को जेल डालो का नारा देने लगी है! हर विभाग में भर्ती घोटाला हुआ और आम बेरोजगार के साथ छलावा किया गया इसलिए दोनों पूर्व विधान सभा अध्यक्ष के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचे जाने का मामला दर्ज हो ये बेरोजगार मांग कर रहा है। अंकिता के परिजनों को सरकार ने भरोसा दिया है लेकिन दूसरी कोई इस तरह की घटना न हो इसके लिए सरकार कड़े कदम उठाए । दोषी को सजा कड़ी मिलेगी तो इस तरह की संस्कृति फैलाने वालों को सबक मिलेगा। भर्ती घोटाला और अंकिता हत्या कांड ने शांत वादियों को अशांत कर रखा है।