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धामी सरकार पर लगी विश्वास की मुहर! हरिद्वार से मिला 2024 का जनादेश! पढ़ें दो अक्टूबर पर जीवन की कलम से…

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देहरादून। भर्ती घोटाला, अंकिता हत्याकांड जैसे जन आक्रोशित मुद्दों के बीच उत्तराखंड सरकार को समर्थन प्राप्त है! हरिद्वार में राज्य बनने के बाद पहली बार पंचायत में बीजेपी को समर्थन प्राप्त होता है तो इसे धामी सरकार की लोकप्रियता ही कहा जायेगा! राज्य बनने के बाद पहली बार हरिद्वार में भाजपा को जीत मिलना ऐतिहासिक उपलब्धी कहा जा सकता है। जहां एक और राज्य में जनाक्रोश सड़कों पर है वहीं जनता भाजपा को जीत की सौगात दे तो इसे क्या कहा जायेगा ? धामी सरकार पर उम्मीद बरकरार है ? जनता में बुनियादी सवालों पर गुस्सा होता है और होना चाहिए लेकिन बेबुनियादी गुस्सा नुकसान का दूसरा बड़ा कारण होता है! उत्तराखंड के लिए जिन्होंने अपना जीवन समर्पित किया और मां बेटी ने इज्जत आबरू को नहीं देखा उस राज्य में शहीदों के सपनों की ही नहीं जीवित लोगों के सपनों की जब नेता हत्या कर अपना लोकतंत्र थोपते हों तब जनता का गुस्सा कहां गलत है ? सीएम पुष्कर धामी सरकार पर उम्मीद जिंदा है और लोग विश्वास करते हैं कि धामी सरकार जनभावना पर खरी उतर कर भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड बनाएगी। राज्य बनने के बाद आज भी मुजफ्फरनगर कांड के दोषी खुले घूम रहे हैं। राज्य बनाने के पीछे जो अवधारणा थी वह चुनावी घोषणा बनकर रह गई! राज्य बनने के बाद हर साल संकल्प लिया जाता है लेकिन आज इक्कीस साल पूरे होने के बाद भी हाल सुधरने के जगह और बदहाल हो गए हैं! पूरा राज्य भू माफिया और नशा माफिया, जिस्म के सौदागरों का गड़ बनता जा रहा है। पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी के बाद अब पहाड़ की नारी पर संकट आ गया है! धामी सरकार पर निर्भर करता है कि वह किस तरह इस राज्य को देव भूमी बनाए रखती है। अपराधियों का अड्डा बनता उत्तराखंड किस दिशा में जा रहा है ये जनता की एकता पर जहां निर्भर है वहीं सरकार में बैठे ईमानदार नेता और अधिकारियों की इच्छा पर है कि वह जनता के सपनों का राज्य बनाते हैं या फिर माफिया की समानांतर सरकार से किनारा कर दिखावे की सरकार चलाते हैं ? पूरा राज्य भू माफिया और ड्रग्स, सैक्स रैकेट के सौदागरों से पटा हुआ है। है मोड़ पर अय्याशी के अड्डे क्या पहचान दिलाएंगे इस राज्य को चिंतन का विषय है! पहाड़ों की जड़ों को तक खोद कर बेचा जा रहा है! एक धुन है पैसा पैसा! नेता पहले जनसेवा का भाव लेकर राजनीति में पदार्पण करते थे आज धन लगाकर धन कमाने की राजनीति हो रही है! पैसे पैसे जल, जंगल, जमीन सब तहस नहस कर रहे हैं कुछ लोग। अंग्रेज के शासन में लगे पेड़ों को तक पूर्व सरकार ने काट डाला! धामी सरकार पर बहुत भरोसा है कि वह जनता के सपनों का राज्य बनाने की दिशा में दूरगामी और पारदर्शी निर्णय लेगी! यही राज्य आंदोलन के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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