भारत की आजादी में किसने क्या भूमिका निभाई ये हम दावा नहीं कर सकते लेकिन मोहन दास करम चंद गांधी और कस्तूरबा गांधी के जीवन पर नजर डालें और उनके त्याग और बलिदान पर शोध किया जाए तो ये दोनों महान विभूति थीं जिनके संकल्प ने आंदोलन को अहिंसा पथ पर अग्रसर किया और आजादी दिलाने में अहम योगदान अहिंसक आंदोलन का रहा था। आरोप तो लोग किसी पर भी लगा सकते हैं लेकिन सिद्ध करना बेहद टेढ़ी खीर है। महात्मा गांधी ने जिस मार्ग पर आंदोलन को चलाया वह काबिले तारीफ है। आजादी के बाद बंटवारे के समय पर गांधी जी की भूमिका पर सवाल खड़े किए जाते हैं लेकिन एक अहिंसा के पुजारी की अन्य बड़ी सोच को भुलाया नहीं जा सकता। दुनियां ने महात्मा गांधी के द्वारा संचालित आंदोलन की सराहना की। आज गांधी जयंती पर इन दोनों विभूतियों को नमन करते हैं। भारत के महापुरुषों में महात्मा गांधी का नाम सदैव सर्वोपरि रहेगा।
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