मुख्य संवाददाता। विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों को लेकर आए नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब एक बार फिर विधानसभा की नियुक्तियों पर चर्चा शुरू हो गई है। बर्खास्त कर्मचारियों को इस फैसले से जहां बड़ी राहत मिल गई है वहीं विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी के सामने अब अपने फैसले को सही साबित करने की चुनौती बढ़ गई है।विदित है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में धांधली सामने आने के बाद विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों पर भी सवाल खड़े हो गए थे। पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और गोविंद सिंह कुंजवाल के समय हुई नियुक्तियों के मामले ने तूल पकड़ा तो विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भर्तियों की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया था। रिटायर्ड आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में गठित समिति ने विधानसभा के दस्तावेजों की जांच करने के बाद वहां हुई सभी भर्तियों को पूरी तरह गलत और अवैध पाया था। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी का कहना है कि सोमवार को कोर्ट का ऑर्डर मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद ही आगे के कदम को लेकर निर्णय लिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खडूड़ी ने जिन 250 कर्मचारियों को बर्खास्त किया उनमें से 150 भर्ती वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार के दौरान विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के समय हुई थी। जबकि 100 भर्तियां भाजपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के समय हुई।
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