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गौला नदी से जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर! आंदोलन के मूड में वाहन मालिक! सरकार और वाहन स्वामियों के टकराव से गरीब तबका बदहाल हुआ! पढ़ें कितने लोग हो गए हैं बेरोजगार! जीवन की कलम से…

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मोटाहल्दू/लालकुआं/हल्द्वानी। गौला नदी से जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर आ गए हैं! वाहन मालिक जहां खड़े वाहनों का टैक्स भरने को मजबूर हैं वहीं मजदूर, चालक, दुकानदार जो मजदूरों के सहारे अपनी दुकान से बच्चे पालते थे, टायर पंचर वाला, पेट्रोल पंप, मिस्त्री, स्पेयर पार्ट्स, होटल, सब्जी विक्रेता सभी कहीं न कहीं नदी के कारोबार से जुड़े हैं। गौला नदी से खनन प्रारम्भ कब होगा ? क्या सरकार नदी की रायल्टी और समतलीकरण के आरबीएम की दर एक समान करेगी ? ऐसा संभव नहीं लग रहा है! वाहन स्वामी इस बात पर अड़े हैं कि एक प्रदेश में दो नियम क्यों हैं ? सरकार से लगातार बातचीत आंदोलनकारी कर रहे हैं लेकिन अब तक कई दौर की वार्ता के बाद भी सकारात्मक निर्णय नहीं हो पाया है। खनन समिति ने बुधवार को सड़कों पर उतरकर आंदोलन तेज करने का मन बनाया है। वाहन स्वामियों के आंदोलन को व्यापक स्तर पर समर्थन भी मिल रहा है। इसका कारण है हर राजनीतिक दल के कार्यकर्ता नदी के कारोबार से जुड़े हैं। इधर विधायक ने भी सीएम पुष्कर धामी से इस संदर्भ में वार्ता की है। आंदोलन कारी लोगों का नेतृत्व कर रहे लोग अब आर पार के आंदोलन का मन भी बना रहे हैं। नदी से जुड़े लोग कहते हैं नदी के कारोबार के साथ ही गांव वालों को बचाने के लिए मजबूत तटबंध बनाने की बात भी की जानी चाहिए। हर साल गांव की जमीन नदी में समा रही है। गांव की जनता का कहना है नदी में खनन संपदा का धरातलीय निरीक्षण किया जाए और तटबंध बनाने का काम तेजी से शुरू हो। लोगों का कहना है गौला नदी से जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं उनकी जायज मांगों पर उचित निर्णय लिया जाना चाहिए। सरकार और वाहन स्वामियों के बीच टकराव से आम लोग जो कहीं न कहीं जुड़े हैं उनको भी अधिक नुकसान हो रहा है। मजदूर भी हाथ पर हाथ रख कर बैठे हैं। उम्मीद की जा रही है टकराव जल्द खत्म होगा! वाहन स्वामियों ने जोरदार आंदोलन का बुध को एलान भी मानो कर दिया है। मोटाहल्दू में आंदोलन चल रहा है हर दिन दर्जनों नेता समर्थन देने आ रहे हैं जिससे लग रहा है आंदोलन तेज हो सकता है।

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