जोशीमठ। उत्तराखंड में मनुष्य द्वारा संचालित आपदा इसे कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने जनमानस को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस तरह राज्य की जनता को उजाड़ने का सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र पूर्व की सरकारों ने रचा जिसका परिणाम सामने आ रहा है।
आपदा को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार की ओर से ₹2.85 करोड़ से अधिक की धनराशि 190 प्रभावित परिवारों को अन्तरिम राहत के तौर पर वितरित की गई है साथ ही अभी तक 400 मकानों का क्षति आकलन किया जा चुका है।
सीएम पुष्कर धामी ने कहा है कि स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, जिसको लेकर हमारी सरकार निरंतर कार्यरत है, हम जोशीमठ वासियों के साथ इन प्रतिकूल परिस्थितियों में पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं।
इधर आज कर्नल अजय कोठियाल ने भी आपदा प्रबंधन टीम से मुलाकात कर मौके का मुआयना किया।
जनता को पुनर्वास की दरकार जहां है वहीं उत्तराखंड को बचाने के लिए मजबूत पहल शुरु करने की जरूरत है।
लोगों का कहना है उत्तराखंड का पानी उत्तराखंड की जवानी उत्तराखंड के काम आनी चाहिए। लोग कहते हैं खतरनाक बिजली परियोजना व बांध निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा देना होगा।
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