लीज रिन्यू नहीं होने की वजह से सोमवार से गौला नदी के सभी 11 गेटों पर ताला लग जाएगा। इसके साथ ही गौला में खनन से रोजगार की उम्मीद लगाए हजारों लोगों की दिक्कतें बढ़ जाएंगी।
वहीं विभागीय अधिकारियों का दावा है कि लीज रिन्यू कराने को वन विभाग व वन निगम प्रयास कर रहे हैं।शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक गौला नदीं में 11 खनन गेट हैं। इन गेटों में अक्तूबर से 31 मई तक 7500 डंपर से खनन होता है। इस बार एक राज्य एक रॉयल्टी की मांग को लेकर खनन कारोबारियों ने सभी गेटों पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। जिसके चलते गौला में खनन शुरू नहीं हो पाया। दिसंबर के अंतिम हफ्ते में सिर्फ शीशमहल गेट से करीब 200 से ज्यादा गाड़ियों से खनन शुरू हो पाया। इस बीच सरकार ने गौला की रॉयल्टी भी करीब 7 रुपये प्रति कुंतल कम कर दी है। इस बीच लीज की अवधि खत्म होने से गौला में खनन बंद हो रहा है। इस स्थिति में एकमात्र शीशमहल गेट से भी सोमवार से खनन बंद हो जाएगा।
रिन्यू नहीं होने की आशंका के चलते खनन कारोबारियों ने आरटीओ कार्यालय से अपने वाहन रिलीज भी नहीं कराए। खनन कारोबारियों की आशंका ठीक साबित हुई। लीज रिन्यू करने के लिए वन विभाग और वन निगम के सही से पैरवी नहीं करने के चलते गौला की लीज रिन्यू नहीं हो पाई।
रॉयल्टी कम होने के बावजूद गौला में खनन नहीं होने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी नाराजगी जता चुके हैं। सीएम धामी ने अधिकारियों को गौला खनन के लिए खोलने को लेकर ठोस कदम उठाने को कहा है।
2019 में गौला से 172.53 करोड़ रुपये सरकार को राजस्व के रूप में मिले थे। 2020 में 219. 831 करोड़ रुपये और 2021 में 227.126 करोड़ का राजस्व सरकार को मिला था। गौला बंद होने पर सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होगा।
गौला की लीज रिन्यू कराने को लेकर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने करीब 4 माह पहले ही पत्र जारी कर दिया था। जिसके बाद वन निगम व वन विभाग को गौला का सर्वे पूरा कर मंत्रालय को रिपोर्ट भेजनी थी। सूत्रों के अनुसार गौला का सिर्फ 80 प्रतिशत सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की गई। इसके साथ ही खनन के बदले वनीकरण का काम भी नहीं हो पाया। जिसके चलते लीज रिन्यू नहीं हो पाई..।
बात अपनी अपनी…
- गौला की लीज को तुरंत रिन्यू कराना चाहिए। स्टोन क्रशर के गौला के आरबीएम खरीदने के दाम भी प्रशासन को तुरंत तय करने चाहिए, ताकि लीज रिन्यू होने की स्थिति में गौला में सुचारू रूप से खनन हो सके। – आरसी जोशी, संयोजक, गौला खनन संघर्ष समिति
- गौला से हजारों लोगों की रोजी रोटी चलती है। बड़ी मुश्किल से रॉयल्टी कम हुई थी और कारोबारी खनन के लिए राजी हुए थे। अब गौला बंद हो गई है। लीज को तुरंत रिन्यू कराने के साथ आरबीएम खरीद के दाम तय होने चाहिए। – मनोज मठपाल, अध्यक्ष डंपर एसोसिएशन
- गौला की लीज रिन्यू नहीं होने के लिए वन विभाग व वन निगम सीधे जिम्मेदार हैं। सरकार की कोशिश है कि गौला को जल्द से जल्द खनन के लिए खोला जाए। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। – डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, विधायक, लालकुआं
- गौला की लीज रिन्यू कराने के लिए सभी जरूरी डाक्यूमेंट वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजे गए हैं। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द गौला की लीज रिन्यू हो ताकि लोगों को रोजगार और सरकार को राजस्व मिले। – पीके पात्रो, मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं
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