

हल्द्वानी। उत्तराखंड में छात्रों और युवाओं ने आज विरोध के नए आयाम गढ़े। “धाकड़ भैंस के आगे बीन” के प्रतीकात्मक प्रदर्शन के साथ छात्रों ने सरकार की बेरुखी पर कटाक्ष किया और हस्ताक्षरयुक्त पोस्टर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पार्सल से भेजा।
मामला तब और रोचक हो गया जब पोस्टर पर लिखा था: “धाकड़ भैंस के आगे बीन, सरकार के आगे आवाज़”।
प्रशासन ने “धाकड़” शब्द देखकर तुरन्त मौके पर पहुंचकर उस पर कालिख पोत दी। जाहिर है, पेपर लीक से ज़्यादा डर प्रशासन को प्रतीकात्मक विरोध से था।
छात्रों का कहना है कि अब तक सरकार ने उनकी कोई मांग नहीं मानी, इसलिए उन्होंने भैंस के आगे बीन बजाकर अपने आक्रोश को ज़ाहिर किया।भूपेंद्र कोरंगा, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष, चौथे दिन भी आमरण अनशन पर हैं।
बुद्ध पार्क में डॉक्टरों ने उनका मेडिकल परीक्षण किया। दिन की शुरुआत हनुमान चालीसा पाठ और भगत सिंह की 118वीं जयंती पर माल्यार्पण से हुई।
छात्रों और युवाओं ने अपनी उपस्थिति से स्पष्ट किया कि उनका विरोध अब प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि वास्तविक मुद्दों पर केंद्रित है।प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी छात्र और युवा रैलियों के माध्यम से परीक्षा रद्द और सीबीआई जांच की मांग बुलंद कर रहे हैं। कोरंगा ने कहा,”यह लड़ाई मेरी नहीं, बल्कि लाखों युवाओं और छात्रों के भविष्य की है।
जब तक पेपर लीक की सीबीआई जांच और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा।”मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धरना स्थल पर फोन कर अनशन स्थगित करने की अपील की, लेकिन कोरंगा ने स्पष्ट कर दिया कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
उन्होंने बेरोज़गार संघ की मांगों को तुरंत पूरा करने की भी अपील की।छात्रों ने उक्त धाकड़ भैंस के पोस्टर के आगे बीन,सरकार के आगे आवाज पोस्टर पर हस्ताक्षर कर उक्त पोस्टर को एम-सील डिब्बियों में सील कर एम सील के साथ मुख्यमंत्री को भेजा।
पुलिस ने पोस्टर में “धाकड़” शब्द पर कालिख पोतकर इसे प्रतीकात्मक रूप में बदल दिया।उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने तंज कसते हुए कहा,”जब प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून है, तब भी रामनगर में टेट परीक्षा में नकल की खबरें सामने आईं।
आयोग आज भी 4G जैमर के जमाने में अटका है, जबकि नकल माफिया सेटेलाइट फोन के साथ अपग्रेड हो चुका है।”खीम सिंह कोरंगा, जो छात्रों को राज्य सिविल सेवा की तैयारी कराते हैं, मंच पर भावुक हुए और कहा कि इस प्रकार की घटनाओं ने हजारों युवाओं का भविष्य प्रभावित किया है।
उन्होंने चेताया कि यदि सीबीआई जांच और पेपर रद्द नहीं होते हैं, तो छात्रों का आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।छात्र-छात्राओं ने नारे भी लगाए की त्रिवेंद्र रावत संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं ।
इस पर खिमेश पनेरु ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्रों की सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया है अगर वह छात्रों के साथ सड़क पर आकर संघर्ष करते हैं तो छात्र कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करेंगे वह एक अभिभावक व उनके नेता के रूप में छात्र सदैव उनके आभारी रहेंगे।
हल्द्वानी का यह विरोध सिर्फ पेपर लीक तक सीमित नहीं है। यह छात्रों और युवाओं की प्रतीकात्मक चेतावनी भी है। बीन की आवाज़ भैंस के आगे गूंजती रही, और प्रशासन की कानें शायद केवल कालिख की संवेदनशीलता तक ही सीमित रही। यानी, भैंस शांत, बीन बजती, और प्रशासन… प्रतीकात्मक लड़ाई में व्यस्त।
इस मौके पर महापौर के पूर्व प्रत्याशी ललित मोहन जोशी, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा सोशल मीडिया प्रभारी मनोज कोठियाल, पार्षद शैलेन्द्र दानू, युवा नेता विशाल भोजक, छात्र संघ उपाध्यक्ष ज्योति दानू, विक्रम मेहता, हर्षित जोशी, दीक्षित कुमार, सुनील चंद्र, मुकेश चंद्र, पवन चंद्र, दिनेश सिंह बिष्ट, अजय प्रताप सिंह, अमित रावत,राधा आर्य, ज्योति बनौला, खिमेश पानेरू, सुजाता आर्य, किरण राणा, टीकाराम पांडे, आदि मौजूद रहे।


























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