
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है। इसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा के दिन लोग रंगोत्सव मनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा गया है। इस साल होलाष्टक 10-17 मार्च तक हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के दौरान शादी-विवाह, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, भवन निर्माण और नया व्यवसाय आदि मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। होलाष्टक के दौरान शुभ कार्यों पर रोक होने के पीछे ज्योतिषीय व पौराणिक दोनों ही कारण माने जाते हैं

 
 
 
 
 
 
 








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