Durgami Nayan

Latest Uttarakhand News in Hindi

*भगीरथ के पुरखों को तारने* *आज ही के दिन शिव जटा से धरती पर उतरी मां गंगा*! पढ़ें *प्रधान संपादक की अपनी बात*…

Ad
खबर शेयर करें -

*अपनी बात* संपादक जीवन जोशी की कलम से…

भारत ऋषि मुनि के साथ ही देव अवतरित भूमि है! आज श्री गंगा दशहरा पर्व पर अनगिनत लोगों ने मां गंगा की पूजा अर्चना कर अनेक प्रकार से अनुष्ठान किए हैं और मां गंगा को धरती पर आने की याद में कई कार्यक्रम आयोजित कर गंगा दशहरा पर्व को जीवंत रखा है।

जैसा कि सबने पढ़ा है जब इस धरती पर विनाश लीला हुई थी और हर तरफ पुरखों की लाशें पड़ी थी तो महान कर्मकांडी महान आत्मा भगीरथ ने जब देखा कि चारों ओर उनके पुरखों के शव बिखरे पड़े हैं और उनका क्रिया कांड होना चाहिए! लेकिन धरती पर पितरों के तारण के लिए जल की एक बूंद नहीं थी!

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज: *जब चिंता ही सबसे बड़ी खबर लगी*! "पढ़ें प्रधान संपादक*जीवन जोशी* की चिंता*...

जैसी जानकारी है उसके अनुसार _भगीरथ त्रिलोक में स्थित सभी देवी देवताओं के पास गए और निवेदन किया कि उनके पुरखों के तारण के लिए मां गंगा को धरती पर लाना है जिसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं!

भगीरथ ने बारी बारी से सभी देवताओं का स्मरण किया लेकिन सबने यह कहकर उनकी मांग से इनकार कर दिया कि गंगा जी को स्वर्ग से धरती पर कैसे लाया जाएगा?

तभी ऋषि नारद मुनि भगीरथ को राय देते हैं वह शिव जी के पास जाएं और वही अपनी जटा में गंगा को समा सकते हैं और मां गंगा दशहरा पर्व पर शिव जटा से धरती पर उतरने का वरदान भगवान भोले बाबा से पूर्व में ले चुकी हैं और भोले नाथ ही उनके पुरखों का तारण कर सकते हैं!

इसके बाद भगीरथ भगवान शिव को समस्या सुनाते हैं और भोले नाथ दशहरे के दिन दिए हुए वरदान को याद करते हैं! इसके बाद दशहरे का इंतजार होता है! ठीक गंगा मईया दशहरे के दिन बिन बुलाए भोले की जटा में समाकर धरती में अवतरित होती हैं और भगीरथ के पुरखों का तारण कर भारत में अवतरित होते हुए धरती पर जीवन प्रदान करने लगी!

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज: *भगवान के विवाह की वर्षगांठ पर अयोध्या में भव्य कार्यक्रम*! *पीएम नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत* ने फहराया *विशाल ध्वज*! पढ़ें अयोध्या अपडेट...

आज पानी न मिले तो कोई जीवित नहीं रह सकता! पूरी श्रृष्टि का पालन कर रही मा गंगा को धरती पर उतरने की बारम्बार बधाई के साथ जहां तहां अपने अपने नियमानुसार और परंपरानुसार याद किया जा रहा है और गंगा दशहरा द्वार पत्र अपने घरों में लगाया जा रहा है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

👉 न्यूज अपडेट पाने के लिए 8218146590, 9758935377 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें