, पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर सिलेबस बदलने से इनकार कर दिया है। अब उत्तराखंड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा पुराने पैटर्न पर ही होगी। बुधवार को अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल ने यह आदेश किए हैं।लोक सेवा आयोग ने फरवरी में राज्य सरकार को पीसीएस परीक्षा का पैटर्न यूपीएससी की तर्ज पर करने का प्रस्ताव भेजा था। आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार का तर्क था कि इससे उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के अखिल भारतीय सेवा में जाने के अवसर बढ़ेंगे और उन्हें दो-दो परीक्षाओं के लिए अलग-अलग तैयारी भी नहीं करनी होगी। इस प्रस्ताव पर मार्च में कार्मिक विभाग ने सैद्धांतिक सहमति भी जता थी, लेकिन अभ्यर्थी विरोध में उतर आए थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि सिलेबस में बदलाव करने से उत्तराखंड के युवाओं का अहित होगा। भाजपा नेता रवींद्र जुगरान भी लगातार इसके विरोध में पैरवी कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मिलकर इस पर आपत्ति जताई थी।सूत्रों ने बताया कि जब यह फाइल मुख्यमंत्री धामी के पास पहुंची तो उन्होंने पीसीएस परीक्षा का पैटर्न बदलने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद कार्मिक विभाग को यह आदेश जारी करना पड़ा। भाजपा नेता जुगरान का कहना है कि यूपीएससी पैटर्न लागू होने से उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के चयन की संभावना पहले से भी और कम हो जाती। उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों ने भी पूर्व में ही यूपीएससी पैटर्न को खारिज कर दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस मामले में हस्तक्षेप करने पर आभार जताया।
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