
लालकुआं विधानसभा के हर कोने कोने में जिस तरह स्टोन क्रशर मशीन लगा दी हैं और गावों की तस्वीर बदल दी है उसे जनप्रतिनिधियों का स्वयं का विकास कहा जाए और जनता के हिस्से बीमारी जिसमें टीबी, कैंसर, दमा कह दें तो क्या कोई अतिशयोक्ति होगी ? लालकुआं विधानसभा में एमएलए जो भी बनता है उसे क्या स्टोन के कारण हो रही मुसीबत नजर नहीं आती या फिर कोई और कारण होता है कि कुर्सी मिलते ही नजरिया बदल दिया जाता है ? गांव की सड़कें जहां स्टोनो के लिए हो गई वहीं हवा में सांस लेने को साफ हवा भी इनकी हो गई, गांव में प्रवेश कर चुका माफिया का कदम किसी को नजर क्यों नहीं आता ? हाईकोर्ट ने बहुत पहले कह दिया था कि स्टोन क्रशर को आबादी से दो किलोमीटर दूर होना चाहिए फिर किसकी ताकत से ये आबादी को रेता खिला रहे हैं ? लालकुआं विधानसभा क्षेत्र की जनता जनप्रतिनिधियों से पूछ रही है कब होंगे स्टोन क्रशर आबादी से दो किलोमीटर दूर ? जनता के लिए मुसीबत किसने पैदा की इसकी जांच हो तो तथाकथित नेताओं के दम पर ही गावों में स्टोन क्रशर आबादी के बीच लगाए गए प्रतिबंध लगाने वाले ही जब समर्थन करने वाले हो जाएं तब उम्मीद किस्से की जाए ?












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