नैनीताल। उत्तराखंड में दरोगा भर्ती घोटाला अब ठंडे बस्ते में जाता दिखने लगा है। वर्ष 2015/16 में कांग्रेस सरकार के समय 339 दरोगा भर्ती हुए थे, ये परीक्षा पंतनगर विश्व विद्यालय द्वारा संपन्न करवाई गई थी जिसमें गढ़वाल के 210 तथा कुमाऊँ से 129 दरोगा भर्ती हुए थे।
इस भर्ती में पचास दरोगा पर शक है कि वह मोटी रकम देकर भर्ती हुए थे। इस मामले की जांच विजिलेंस द्वारा की जा रही है और इस जांच में बीस दरोगा निलंबित कर उनको पुलिस लाइन से अटैच किया गया है।
इस मामले में विजिलेंस ने पंतनगर के अधिकारी दिनेश जोशी, नरेंद्र सिंह जादौन, नकल माफिया हाकम सिंह रावत, चंदन मनराल, केंद्रपाल, सादिक मूसा, राकेश जायसवाल, सतीश चौहान, राजेश पाल, राजेश चौहान, विपिन बिहारी, नीतीश गुप्ता को आरोपी बनाया गया है।
जांच के दौरान बताया गया था कि पचास दरोगा रडार पर हैं, इसके तहत बीस दरोगा निलंबित कर दिए गए हैं जिनमें नीरज चौहान, आरती पोखरिया, प्रेमा कोरंगा, भावना बिष्ट, ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा, निखिलेश बिष्ट, दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश, संतोषी, पुस्पेंदर, गगन मेथानी, तेज कुमार, मोहित राणा मुख्य हैं।
चार महीना बीत जाने के बाद भी ये जांच पूरी नहीं हो सकी है और नहीं किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। इस मामले की तह में जाने के बाद ज्ञात हुआ है कि विजिलेंश टीम को पुख्ता प्रमाण की तलास है जिसमें सफलता अभी दूर है।
गत 16 जनवरी के बाद उक्त भर्ती घोटाले पर चुप्पी से तरह तरह की चर्चा हो रही है। गत बारह जनवरी से जांच चल रही है लेकिन अब तक आरोपी बनाए गए किसी भी दरोगा या माफिया की गिरफ्तारी नहीं हुई है जिससे निलंबित किए गए दरोगा आरोपी हैं या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
एसपी विजिलेंस प्रहलाद नारायण मीणा कहते है पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं और जांच जारी है। कुछ सूत्र कहते हैं कि चार माह बीत चुके हैं लेकिन अब तक आरोप की पुष्टि न होना सोचनीय विषय है।
कुछ आवाजें आ रही हैं कि बीस दरोगा निलंबित तो कर दिए लेकिन अब विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर पा रहा है कि सही आरोपी कितने हैं और कितने निर्दोष हैं।
जांच की धीमी गति से चर्चा ये भी है कि जांच कमेटी के साथ पुख्ता सबूत नहीं हैं जिससे जांच लटक रही है। सूत्र कहते हैं कि पुख्ता प्रमाण के अभाव में विजिलेंस ने अब तक आरोपी माफिया और दरोगा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। निलंबित दरोगा आधी तनखा में काम चला रहे हैं तो वहीं पंत नगर के आरोपी गिरफ्तारी से वंचित हैं।
बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष प्रकाश उतराखंडी कहते हैं कि दरोगा भर्ती घोटाले की जांच तेज की जाए और आरोपी को सजा मिले। उन्होंने कहा जो आरोपी नहीं है उन दरोगाओं को इज्जत के साथ बहाल किया जाए।
More Stories
विधायक डा. मोहन बिष्ट के प्रयास से दस स्कूलों की मान्यता को मिली हरी झंड़ी! पढ़ें लालकुआं विधानसभा क्षेत्र अपडेट…
महिलाओं से सोने की ठगी का मामला पहुंचा कमिश्नरी! पढ़ें 74 महिलाओं के रख लिए जेवर…
25वीं सालगिराह सप्ताह भर मनाई जाएगी! पढ़ें इस बार राज्य स्थापना दिवस पर कहां क्या होगा आयोजन…