नई दिल्ली/बालासोर
ओडिशा के बालासोर जिले में भीषण ट्रेन हादसे में मृतकों का आंकड़ा शनिवार को बढ़कर 288 पर पहुंच गया। हादसा इतना भीषण था कि ट्रेन की बोगियां एक के ऊपर एक चढ़ गईं और कोच को काटकर शव निकालने पड़े। घटना में 1175 यात्री घायल हैं। हादसे की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। शुरुआती जांच में सूत्रों ने संकेत दिया है कि हादसे की वजह सिग्नल में गड़बड़ी हो सकती है।
भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा, बचाव अभियान पूरा हो गया है। हम अब बहाली प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। इस मार्ग पर कवच प्रणाली उपलब्ध नहीं थी। बालासोर में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के पटरी से उतरने और मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ था। जांच समिति की अध्यक्षता दक्षिण-पूर्वी प्रखंड के रेलवे सुरक्षा आयुक्त एएम चौधरी करेंगे।
बढ़ सकती है मृतक संख्या रेल हादसे के कारण जमीन में धंस गए डिब्बे को शनिवार को क्रेन और बुलडोजर की मदद से ऊपर लाने की कोशिश की गई। यह आखिरी डिब्बा था जिस पर बचावकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया, ट्रेन का एक डिब्बा एक अन्य ट्रेन के डिब्बे के ऊपर गिरने के कारण धंस गया है और उसे निकाले जाने के बाद मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है। दुर्घटनाग्रस्त कोचों में कम से कम तीन अनारक्षित कोच थे। इस प्रकार से हताहतों में बड़ी संख्या में अनारक्षित कोचों में यात्रा करने वाले यात्री होने की आशंका है।
ऐसे हुआ हादसा रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बहनागा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। उन्होंने बताया कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई। कोरोमंडल एक्सप्रेस के 10-12 डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस की पटरी पर गिरे।
सेना ने बचाया घायल यात्रियों के राहत एवं बचाव कार्य में सेना के साथ वायुसेना और नौसेना की भी मदद ली गई। हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। रेलवे अधिकारियों के समन्वय से अभियान चलाया गया। घायलों की मदद के लिए 200 एंबुलेंस लगाई गईं।
रक्षा अधिकारी ने कहा, पूर्वी कमान ने एंबुलेंस और सहायता सेवाओं के अलावा सेना की चिकित्सा और इंजीनियरिंग टीम ने मदद की। घायल यात्रियों को निकालने के लिए दो एमआई17 हेलीकॉप्टर लगाए।
एनडीआरएफ के 300 कर्मी जुटे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 300 से अधिक कर्मियों ने बचाव कार्यों को अंजाम दिया। पहली टीम शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे घटनास्थल पर पहुंची थी। महिला बचाव कर्मियों के अलावा चिकित्सा टीम भी मेडिकल किट के साथ दुर्घटनास्थल पर पहुंची।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगामोदी
बालासोर, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ओडिशा रेल दुर्घटना के लिए दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मोदी घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की। वहीं, दुर्घटनास्थल पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री ने अस्पताल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम घायलों को सर्वश्रेष्ठ उपचार मुहैया कराएंगे। उन्होंने लोगों को बचाने में मदद के लिए स्थानीय लोगों का भी आभार व्यक्त किया, जिनमें से कई लोगों ने रातभर काम किया। हादसे के बारे में उन्होंने कहा, मेरे पास पीड़ा व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। ईश्वर हमें इस स्थिति से उबरने की शक्ति दे। अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि घायलों और उनके परिवारों को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाए। शोक संतप्त परिवारों को किसी तरह की असुविधा ना हो और प्रभावितों को मदद मिलती रहे।
ओडिशा में मोदी के साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री को दोनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ आपदा प्रबंधन टीम के अधिकारियों ने स्थिति की जानकारी दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने घटनास्थल से कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य मंत्री से फोन पर बात की। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टर बालासोर और कटक भेजे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने ओडिशा की राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रमिला मलिक के साथ स्थानीय पुलिस प्रमुख से भी बात की। उन्होंने प्रभावित मार्ग पर ट्रेन सेवा बहाल करने के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रगति की जानकारी ली।
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