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नियमित रक्तदान मनुष्य में ऐंटी एजिंग का काम करता है – रक्तदाता वर्मा,

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डोईवाला,

सावन कृपाल रूहानी मिशन द्वारा यूथ रेडक्रास कमेटी, दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक द्वारा कृपाल आश्रम में रक्तदान शिविर में 52 यू्निट रक्त किया एकत्रित।

देहरादून सावन कृपाल रूहानी मिशन द्वारा यूथ रेडक्रास कमेटी , देहरादून तथा दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के सहयोग से रायपुर रोड स्थित कृपाल आश्रम के सभागार में रक्तदान शिविर का उद्घाटन संस्था की रायपुर शाखा की अध्यक्ष श्रीमती नीलम सुखी, महासचिव राजेश ढांढा, यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा, दून हाॅस्पिटल ब्लड बैंक की चिकित्साधिकारी डॉ० सना उमर , डॉ० जे एस सुखी तथा रेडक्रास सदस्या मेजर प्रेमलता वर्मा ने फीता काटकर शुभारम्भ किया और रक्तदाताओं का स्वागत करते हुए आश्रम के महासचिव राजेश ढांढा ने कहा कि रक्तदान मानवता की निष्काम सेवा का उत्तम माध्यम है। संत राजिंदर सिंह जी महाराज के सान्निध्य तथा निर्देशन में पूरे देश में समय – समय पर रक्तदान शिविरों सहित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य जांच के नि:शुल्क चिकित्सा शिविरों, औषधि एवं तथा जन कल्याण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्वैच्छिक व नि:स्वार्थ भावना से रक्तदान करके अनजान लोगों को जीवनदान देना पुण्य का कार्य है और विशेष रूप से आमंत्रित अब तक रिकाॅर्ड 150 से अधिक बार रक्तदान कर चुके यूथ रेडक्रास के चेयरमैन रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा ने रक्तदान के प्रति समाज में फैले अंधविश्वासों को दूर करते हुए रक्तदान करने से स्वयं रक्तदान करने वाले व्यक्ति को होने वाले अनेकों फायदों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से रक्तदान करने वाले व्यक्ति को 80 % हार्ट अटैक तथा 90 % कैंसर होने की संभावना कम होती है। हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। शुगर कंट्रोल करने में सहायता मिलती है साथ ही अच्छा कोलेस्ट्रॉल एच० डी० एल० बढ़ता है तथा खराब कोलेस्ट्रॉल एल०डी०एल० घटता है। एक बार रक्तदान करने से शरीर से 650 कैलोरी बर्न होती है, जिससे शरीर में फैट यानी चर्बी घटते रहने से मोटापा नहीं होता। रक्तदान करने के बाद शरीर मे बोन मैरो में तेजी से नये ब्लड सेल्स का निर्माण होता होता है, जिसके कारण शरीर में नई ऊर्जा एवं स्फूर्ति पैदा होती है। नियमित रक्तदान मनुष्य को अनेक बीमारियों से मुक्त रखते हुए एंटी एजिंग का काम करता है। दान किए गए रक्त की आपूर्ति शरीर 24 से 48 घंटों में स्वयं ही पूरी कर लेता है। अतः कोई भी स्वस्थ महिला या पुरुष 18 से 65 साल की उम्र तक जिसका हीमोग्लोबिन 12.5 या इससे ऊपर हो तथा शरीर का वजन 45 किलो या उससे अधिक हो रक्तदान कर सकता है और धन्यवाद करते हुए आश्रम की अध्यक्षा श्रीमती नीलम सुखी ने रक्तदाता महिलाओं एवं पुरुषों की समाज सेवा की भावना , यूथ रेडक्रास के चेयरमैन अनिल वर्मा द्वारा रक्तदाता प्रेरक के रूप में संबोधित करके युवाओं को रक्तदान लिए प्रेरित करने तथा दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक की चिकित्साधिकारी डॉ० सना उमर, समस्त चिकित्साधिकारियों व लैब टेक्नीशियन टीम का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर एम्स श्रृषिकेश के ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ० अबुजार , डॉ ० निवेदिता सजवाण, डॉ ० दीपांशु हुडिया, डी पी एस के प्रबंधक सुनील सैनी, सरदार हरदयाल सिंह, पंकज अग्रवाल, रेनू अग्रवाल आदि मौजूद थे।

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