संपादक की कलम से…
सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का रुड़की में घेराव जनता ने किया तो इसमें प्रशासन और पुलिस को कोप भाजन का शिकार क्यों बनाया जा रहा है ? पूरे पांच साल होने को हैं राज्य के पांचों सांसद जनता को बताएं उन्होंने क्या किया ? चुनाव नजदीक देख अब जनता प्यारी लग रहीं है तो जनता तो गुस्से से लाल है कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार जितना विकास योजना चलाए हैं उसके तहत किस गांव में सांसद निधि से कार्य हुआ है जनता को अवगत कराया जाए। जनता हर पांच साल में नेता का चयन करती है तो उसे अपनी बात कहने का हक है और विरोध करना जनता का लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अधिकार भी है!
लोकसभा चुनाव निकट आने वाले हैं लेकिन सांसद और विधायक जनता के बीच लोकप्रिय नहीं मीडिया तक, सोसल मीडिया तक सीमित हैं! कई जगह तो छपास रोगी नजर आते हैं जिनको धरातल पर नहीं मीडिया में विकास नजर आता है! कई जगह तो लेटर बम तक सीएम पुष्कर धामी के नाम चल रहे हैं!
जनता को उम्मीद होती है जैसे पीएम नरेंद्र मोदी से उम्मीद है ? पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियां क्या हैं इसकी सर्वे की जाए तो बूथ रहा दूर मंडल तक विस्तार से लोगों को नहीं पता ? एक मोदी के सहारे चुनाव जीतने का दम रखने वालों को धरातल देखना होगा! जो समय बचा है उसमें विकास करें जिससे चुनाव में भारी विरोध प्रत्याशी को न झेलना पड़े!
कई जगह तो सांसद ने धरातल पर नल नहीं लगाया है और न कहीं तटबंध, पानी निकासी का समाधान किया तो जनता विरोध नहीं तो क्या करेगी ?
पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम पुष्कर धामी सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार किया गया होता और जनता को लाभकारी नीतियों से चौपाल लगाकर समझाया होता तो ऐसी हालत सांसद की न होती! जनता ने घेर लिया तो गलती पुलिस की कैसे हो गई ? ऐसे तो वोट नहीं मिलेगा तो गलती पुलिस की होगी ?
लोकतंत्र में विश्वास जिसको होगा वह विरोध सहेगा और उस विरोध को स्वागत में बदल दे उसे नेता कहते हैं ? दूर नहीं जाना है पीएम नरेंद्र मोदी से ज्ञान लिया जाना चाहिए कि जिस नरेंद्र मोदी को अमेरिका जाने अनुमति नहीं मिलती थी वही मोदी दुनियां में चर्चित है! एक राइटर ने कहा है काम तो सभी करते हैं लेकिन कुछ लोगों का अंदाज जुदा होता है! पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से जीत तो जाते हैं लेकिन उनके विचारों का अनुसरण नहीं किया ? खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाली कहानी सबने सुनी है ?
इसलिए सांसद और विधायक जनता के सपनों को साकार करने की दिशा में प्रयत्न करें वर्ना टिकट कब कट गया पता नहीं चलेगा! ढोल बजने के बाद भी टिकट कट जाता है ये भाजपा हैं यहां सर्वे होती है जिसका पता टिकट कटने पर ही चलता है!
संपादक
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