दूरगामी नयन डेस्क
नई दिल्ली । भारत में भारतीय जनता पार्टी के दो नेता हुआ करते थे जिनमें स्व. अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी जो भारत में स्वदेशी आंदोलन चलाए जा रहे थे और भाजपा को आगे बढ़ाने के लिए दिलो जान से मेहनत करते रहे!
लोक सभा में दो सदस्य जब भाजपा के होते थे तो इनकी अन्य दलों द्वारा खिल्ली उड़ाई जाती थी! यह दल उपहास का पात्र हुआ करता था!
अटल बिहारी वाजपेई जी पीएम तक पहुंचे लेकिन लालकृष्ण आडवाणी को उप प्रधानमंत्री तक का सफर ही नसीब हुआ!
हाल के दिनों में तो विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कार्य था कि उसने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को हाशिए में धकेल दिया है!
इस आरोप को उस वक्त करारा धक्का लग गया जब पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का एलान कर दिया!
लालकृष्ण आडवाणी ने जितनी रथ यात्रा निकाली रैली की उतनी शायद ही इस देश में किसी नेता ने निकाली होगी! उनकी रथ यात्रा के दम पर और मुरलीमनोहर जोशी के कार्यकाल में भाजपा निरंतर प्रगतिपथ पर अग्रसर होती चली गईं।
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का जो निर्णय लिया वह आडवाणी जी के सम्मान में एक बड़ा ईनाम मानो आडवाणी जी को मिला है जिसकी कभी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी!
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