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सीएम पुष्कर धामी सरकार ने हाईकमान का दिल जीता! अब क्या चाहती है जनता! पढ़ें प्रधान संपादक *जीवन जोशी* की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट …

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उत्तराखंड राज्य बनने के बाद नित्यानंद स्वामी से लेकर वर्तमान सीएम पुष्कर धामी तक का आंकलन किया जाए तो कई विषय निकलकर आते हैं!

राज्य बनने के बाद हर सीएम ने यही कहा कि राज्य को देश का अग्रणीय राज्य बनाया जायेगा! पहले निर्वाचित सीएम पंडित नारायण दत्त तिवारी ने जिस अंदाज में विकास की बुनियाद रखी और लोगों को रोजगार दिलाने के लिए सिडकुल की स्थापना की थी।

इसके बाद हर पाली में दो दो सीएम बनाने का सिलसिला शुरू हुआ जो दोनों दलों ने किया। इसके चलते ये कह सकते हैं कि विकास का पहिया जिस गति से चलना चाहिए था नहीं चल सका।

वार्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी कार्यशैली से सीएम बदले जाने की परंपरा को विराम लगा दिया जो जरूरी भी था।

एक युवा सोच का इसे उदय कहा जा सकता है! पुष्कर धामी सरकार ने नकल माफिया पर शिकंजा कसा और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।

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आरोप प्रत्यारोप राजनीति की परंपरा रही है इसके बावजूद सीएम पुष्कर धामी ने कई मोर्चों पर सफलता हासिल की है जिससे रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। विभागों में भर्ती प्रारंभ की ओर कई बेरोजगार युवक इससे लाभान्वित हुए हैं।

वार्तमान में पांचों सीटों पर भाजपा को जीत दिलाकर उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धि दिखाई है और दो दो सीएम बनाने वाली परंपरा पर विराम मानो लगाया है।

अब लोग उम्मीद करने लगे हैं कि सीएम पुष्कर धामी सरकार और मजबूती के साथ विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।

लोगों को उम्मीद है सीएम पुष्कर धामी सरकार अपने वादों को पूरा करने का प्रयास करेगी जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और राज्य नई सोच के साथ आगे बढ़ सकेगा।

वर्तमान में अवैध खनन माफिया और नशा माफिया राज्य में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है जो चिंता की बात है। तराई से लेकर पहाड़ तक खनन माफिया और नशा माफिया ने अपना नेटवर्क मजबूत कर रखा है जो बेहद चिंता का विषय है।

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तराई में उपजाऊ भूमि को बरबाद किया जा रहा है तो पहाड़ में प्रतिबंध के बावजूद इनका कार्य चल रहा है। सीएम पुष्कर धामी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ कर काम करेगी और इस पर लगाम लगाए ऐसी उम्मीद जनता करती है।

नशा माफिया ने गांव गांव अपनी जड़ें जमा रखी हैं आबकारी विभाग में स्टाफ की कमी से नशे पर लगाम नहीं लग पा रही है तो वहीं खनन माफिया पर कुछ अधिकारी वर्ग मेहरबान नजर आते हैं।

लीज पट्टे में जिस तरह खेल चल रहा है उसे रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में उपजाऊ भूमि नहीं रह जाएगा। पहाड़ से लेकर तराई भाभर तक ये घिनौना खेल चल रहा है।

लोगों का कहना है कि सरकार इसे रोक वरना राज्य बनने का कोई लाभ नहीं रह जाएगा। जिनके आतंक से निजात पाने को राज्य मांगा था फिर वही ताकतें यहां हावी हो रही हैं। सीएम पुष्कर धामी सरकार को इस दिशा में कठोर कदम उठाना होगा ये लोगों की मांग हैं।

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