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देहरादून: सभी नायब तहसीलदारों को फेल करने के मामले ने पकड़ा तूल, नायब तहसीलदार ने परिषद के समक्ष रखा अपना पक्ष… कार्यकारी निदेशक की कार्यशैली की करी शिकायत…

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35 नायब तहसीलदारों को पास आउट परीक्षा में फेल करने के मामले में नायब तहसीलदारों का पक्ष भी सामने आ गया है जिसमें उन्होंने अपने नौ बिंदुओं के लेटर जो उन्होंने राजस्व परिषद को भेजा है उसमें राजस्व एवं भूलेख सर्वेक्षण संस्थान के कार्यकारी निदेशक की कार्यशैली तथा तहसीलदारों के साथ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में हुए बर्ताव को लेकर शिकायत की है तथा मीडिया ट्रायल को लेकर भी चिंता जताई है नवनियुक्त नायब तहसीलदारों का कहना है कि उनके 4.5 माह की ट्रेनिंग को विभिन्न भागों में बांटा गया था जिसमें नवनियुक्त नायब तहसीलदारों का कहना है कि उनकी 4.5 माह की की ट्रेनिंग में उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी एटीआई नैनीताल में 12 दिन की ट्रेनिंग हुई तथा उसके पश्चात ग्रामीण विकास संस्थान रुद्रपुर में भी प्रशिक्षण 7 दिन का आयोजित किया गया और विभिन्न तहसीलों में ब्लॉक और पुलिस थानों में भी ट्रेनिंग की गई किंतु इस अवधि का मूल्यांकन नहीं किया गया केवल 31 दिन का मूल्यांकन लिखित परीक्षा के आधार पर कर दिया गया जबकि संपूर्ण साढे चार माह का मूल्यांकन किया जाना था।

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अपने नौ बिंदुओं के पत्र में नायब तहसीलदारों ने यह भी लिखा है कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें इस बात के लिए प्रताड़ित किया गया कि वह अपने प्रशिक्षण अवधि के दौरान चुनाव ड्यूटी में क्यों कार्य कर रहे थे जबकि नायब तहसीलदारों का कहना है कि उनके नियोक्ता की तरफ से जो आदेश उन्हें थे उन्होंने उसे ही पूर्ण किया और इसके लिए उन्हें प्रताड़ित किया जाना न्यायो उचित नहीं है

और वही मैस में खाने की समस्या को लेकर जब शिकायत की गई तो उन्होंने सभी महिला नायब तहसीलदारों को संस्थान छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया तथा तथा प्रथम दिवस से ही उन्हें हर छोटी बात के लिए इसी तरह की बात बोली जाती थी कि उन्हें फेल कर दिया जाएगा वह इस परीक्षा को पास करने की योग्य नहीं है जबकि सभी तीन चरणों की परीक्षा को पास करके आए हैं और तहसीलदारों में कार्यकारी निदेशक की तरफ से कही गई बातें जैसे नोट्स ना बनाना मोबाइल का इस्तेमाल करना आदि को लेकर भी काफी रोष है

उनका कहना है कि कार्यकारी निदेशक की तरफ से स्पष्ट निर्देश थे कि उनकी क्लास में पानी ना पिया जाए उनकी क्लास में नोट ना बन जाए और जबकि अन्य विषयों के उन्होंने नोट बनाए थे और और जिस तरह अनुशासन की बात की जा रही है तो प्रायोगिक परीक्षा के पेपर में भारी बारिश के बीच में सभी नायब तहसीलदारों से सर्वे करवाया गया परीक्षा परिणाम में एक नायब तहसीलदार को एक विषय में जीरो अंक रखे गए हैं जबकि उनका कहना है कि जीरो अंक किसी भी हालत में नहीं आ सकते क्योंकि कंप्यूटर के बारे में इतनी इतनी बेसिक जानकारी सभी को होती है कि कंप्यूटर के कितने भाग होते हैं उसमें कुछ नंबर तो दिए ही जा सकते थे ।

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राजस्व एवं भूलेख प्रशिक्षण संस्थान में निदेशक महोदय का प्रशिक्षण के प्रति रवैया बेहद ही गैरपेशेवर रहा। संस्थान में ब्लैक बोर्ड जैसी मूलभूत सुविधाओं का ना होना प्रशिक्षण के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाता है । किसी भी प्रशिक्षु का उनसे कक्षा के दौरान डाउट पूछना भी मना था ।

36 नायब तहसीलदारों में से 35 को फेल कर दिया गया है एक अभ्यर्थी ने परीक्षा नही दी । नव नियुक्त नायब तहसीलदारों का कहना है कि अगर वह भी परीक्षा देता तो उसे भी फेल कर दिया जाता ।

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