मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि जल्द वन विभाग के सीनियर अफ़सरों को नोडल बनाया जाए। जनपदों में DFO लगातार क्षेत्र भ्रमण करें और पुलिस, राजस्व विभागों के साथ ही जन सहयोग लिया जाए।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग करते हुए महिला मंगल दल, युवक मंगल दल का भी वनाग्नि को रोकने में सहयोग लिया जाए। इसके साथ ही रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। #CharDhamYatra के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाए। दीर्घकालिक योजनाओं के लिए अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर योजना बनाई जाए, इकोनॉमी और इकोलॉजी का समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किये जाएं साथ ही प्रदेश के विकास के लिए एक नई कार्य संस्कृति व कार्य व्यवहार से सभी को कार्य करना होगा। वनाग्नि को रोकने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के लिए स्कूलों में करिकुलर एक्टिविटी करवाई जाए। बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री विनोद कुमार सिंघल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर श्री सुशील कुमार एवं सभी जनपदों से जिलाधिकारी, SSP एवं DFO उपस्थित थे।
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