वाराणसी। देश की बहुसंख्यक जनता काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी को मुक्त कराने के लिए एकजुट होकर हवन अनुष्ठान आदि कर रही है। इधर अदालत की अवहेलना जांच कमेटी को परिसर में नहीं घुसने देने की घटना ने लोगों के दिल में एक नया मोड़ आ गया है। हिंदू धर्म के अनुयाई कहते हैं ज्ञावापी परिसर हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है इसके लिए गठित समिति की जो रिपोर्ट होगी, न्यायालय जो फैसला करेगा वो जांच के बाद करेगा लेकिन मस्जिद के गेट पर जांच को रोकना अनुचित ही नहीं कानून के खिलाप है। हिंदू समाज से जुड़े संतों ने न्याय के लिए अनुष्ठान शुरू कर दिए हैं। ये मामला 1991 से न्यायालय में विचाराधीन है। बहुसंख्यक आबादी चाहती है कि मोदी सरकार राम के बाद कृष्ण भूमि को भी मुक्त करवाए जिससे हिंदुस्तान के देवता खुली हवा में सांस ले सकें। हिंदूवादी सेना को विश्वास है कि उनको न्याय मिलेगा क्योंकि कमीशन अपना काम कर रहा है इसलिए इस विषय पर कुछ भी ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा। इस मामले को लेकर विपक्षी दल क्या नया मोड़ लाते हैं ये भी कमतर आंका नहीं जा सकता। हिंदू समाज चाहता है उसके सभी तीर्थ स्थल मस्जिद से मुक्त होने चाहिए। इसके लिए मुस्लिम समाज से भी सहयोग व समर्थन की लगातार अपील हो रही है। कई जगह तो दूसरी जगह जमीन भी दी है अब अदालत के पास मामला सुरक्षित है वो क्या फैसला कमीशन रिपोर्ट के बाद देगी ये तथ्य और प्रमाण पर निर्भर करता है फिलहाल जनता की नजरें काशी विश्वनाथ में टिकी हैं।
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