मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने देहरादून आरटीओ कार्यालय में जाकर जब छापा मारकर हकीकत देखी तो वह गुस्से में आ गए और उन्होंने तत्काल आरटीओ को निलंबित कर दिया जबकि निलंबित आरटीओ ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वह वाहनों की नीलामी करने सरकारी कार्य से गए थे! अब सवाल उठता है कि 65 कर्मचारी में से 25 कर्मचारी ही कार्यालय आए थे क्या बाकी सब आरटीओ के साथ गए थे ? सीएम पुष्कर धामी ने आरटीओ को निलंबित कर सभी अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने व कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इधर सीएम की छापेमारी देख आरटीओ ऑफिस के असली करता धरता दलाल अपनी झोली झमटी ले कर फरार हो गए। बताते चलें आरटीओ ऑफिस में कर्मचारी कम दलाल ज्यादा काम करते हैं बिन दलाल कोई काम नहीं होता। आरटीओ ऑफिस में कर्मचारी उपस्थित रहेंगे तो काम समय पर होगा सही बात है लेकिन दलालों की समानांतर सरकार का क्या होगा जो आरटीओ ऑफिस के असली मालिक बनकर लोगों को लूटते हैं! बिन दलाल के आरटीओ ऑफिस में काम होना बेहद कठिन होता है! आरटीओ ऑफिस में दलाल प्रथा चलती रहेगी या फिर आरटीओ कार्यालय को दलाल मुक्त कराने को गम्भीर प्रयास होंगे ? सीएम पुष्कर धामी की पहल का स्वागत हो रहा है वहीं लोग कहते हैं कि आरटीओ कार्यालय को दलाल मुक्त कराने के लिए सीएम ठोस कार्रवाई करें।
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