लालकुआं। गत दिवस एक स्टोन क्रशर में खोदे जा रहे गड्ढे को लेकर कुछ लोग कुमाऊं मंडल कमिश्नर से मिले और खुदाई का विरोध किया। इसके विपरीत स्टोन क्रशर मालिकों का कुछ और ही कहना है! स्टोन क्रशर मालिकों का कहना है कि तराई में समतली करण के लिए पट्टे खुलने से पट्टा धारक को दस मीटर तक खुदाई कार्य करके समतली करण करने की अनुमति है। कहा गया है कि गौला नदी के माल की रॉयल्टी 32 रुपए कुंतल के करीब है, माल धोने पीसने बनाने तक सत्तर रुपया लागत क्रशर मालिकों पर आ रही है और वह 75 रुपए में बेच रहे हैं वहीं पट्टे वाले माल की रॉयल्टी 10 रुपया कुंतल अधिकतम है, इसलिए पट्टे वाले माल की लागत कम है वह 40 रुपए कुंतल भी बेचेंगे तो उनको कोई नुकसान नहीं है वहीं गौला नदी का माल खरीदकर 40 रुपए कुंतल क्रशर मालिक कैसे बेचें ? इसलिए क्रशर मालिकों ने भी समतलीकरण कार्य नियमों के अनुसार परिसर में किया है जिसकी कोई भी जांच कर सकता है। बताया गया है समतली करण के पट्टे वितरित होने से माल के रेट आधे हो गए हैं जिससे महंगा माल खरीदने वाले क्रशर नुकसान में चल रहे हैं कुछ क्रशर पलायन कर सितारगंज जाने की तैयारी भी करने लगे हैं। क्रशर मालिक कहते हैं वह बेहद घाटे में चल रहे हैं लागत मूल्य मेंभी लोग माल लेने को तैयार नहीं है तब वह कैसे क्रशर चला सकेंगे।
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