नई दिल्ली। एक बयान को आधार बनाकर जिस तरह देश का एक वर्ग पंद्रह देशों का समर्थन पाकर हिंसा पर उतारू है वो कहीं न कहीं एक सोची समझी साजिश का एक सुनियोजित हिस्सा लगने लगा है। दो लोगों के बयान को जिस तरह इस्लामिक देशों में प्रचारित व प्रसारित किया जा रहा है वह कई सवाल खड़े कर रहा है। देश के दश राज्यों में जिस तरह हिंसा हो रही है वह क्या संदेश दे रही है ? जिनके बयान से विवाद का जन्म हुआ उनको जब पद व संगठन से हटा दिया गया तो फिर पीएम, जीएम, आरएम, वीएम से माफी या सफाई क्यों मांगी जा रही है ? पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने तो ये तक कह दिया कि ये सब एक नीति के तहत हो रहा है। उन्होंने कहा आज दुनियां के 15 देश भारत के मुसलमानों के साथ खड़े हैं। उन्होंने विपक्ष पर भी चुप्पी साध लेने का आरोप लगाया है और कहा कि कोई भी मुसलमान अपने धर्म व पैगम्बर का अपमान सहन नहीं कर सकता। वह कहते हैं ये एक नीति के तहत हो रहा है। दूसरी ओर एक लेखक वसीम अकरम का लेख चर्चा में है। वसीम कह रहे हैं जब से एनडीए सरकार बनी है देश में उग्र हिंदुओ का उभार हुआ है। वह कहते हैं मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलने वाले बाबाओं को जब से एमपी, एमएलए, मंत्री बनाया गया तब से रातों रात कई बाबा पैदा हो गए हैं जो जहर उगल रहे हैं। नुपुर शर्मा के समर्थन में उतरी एक्टर कंगना रनौत ने कहा है हिंदू समाज के देवी देवता का जब भी अपमान हुआ तब वह दंगा करने की जगह अदालत की शरण लेते रहे हैं चाहे राम मंदिर का मामला हो या ज्ञानवापी परिसर कभी भी हिंदुओं ने कानून को अपने हाथ में नहीं लिया जबकि वह हिंसा भी कर सकते थे। उन्होंने कहा मालूम होने के बावजूद हिंदू समाज ने अदालत व न्यायपालिका पर विश्वास किया। उन्होंने कहा इस्लाम धर्म में शराब, धुम्रपान, बुर्खा न पहनना मना है फिर उनके कई दोस्त हैं जो रोज शराब पीते हैं कई प्रकार के नशे करते हैं तथा बुरखा भी नहीं पहनते तब किसी को आपत्ति क्यों नहीं होती ? जबकि ये सब इस्लाम धर्म में गुनाह है। उन्होंने कहा नुपुर शर्मा ने कुछ कह दिया तो वो अपराधी हो गई ? देश के साथ जो अपराधी जैसा कर्म करे वो अपराधी कहलाया जाना चाहिए।
देहरादून। देश में जुम्मे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के जवाब में विश्व हिंदू परिषद ने धर्म संसद करके हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सरकार से कड़ी कार्यवाही की मांग की है। वी एच पी के नेता अशोक कुमार ने कहा है मुस्लिम समाज के तथाकथित ठेकेदार हिंदू समाज को अक्रोशित करने का काम कर रहे हैं इसलिए केंद्र सरकार संत समाज की भावना का सम्मान करे और राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करे। संतों ने कहा सनातन धर्म को बचाने के लिए सरकार ठोस पहल करे। दो दिवस तक चली धर्म संसद ने कहा है कि ज्ञानवापी हमारा है इसलिए हिंदू समाज को पूजा की अनुमति मिलनी चाहिए साथ ही कहा अब मथुरा, ताज महल, कुतुबमीनार भी हिंदू समाज की धरोहर है इसे वह हासिल करने के लिए न्यायालय में संघर्ष करेंगे। देश में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्यवाही की एक स्वर में संतो ने मांग की है।
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