देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में पहली बार ऐसा देखने को मिला की किसी राजनीतिक दल के सीएम प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष को किसी दल में एक साथ ले लिया गया हो! उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ये कर दिखाया है! आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता कई लोगों के साथ भाजपा में शामिल हो गए जिससे आम आदमी पार्टी को भाजपा ने वो पानी पिलाया है कि अरविंद केजरीवाल उनके आसपास रहने वाले लोगों को खासकर दिनेश मोहनियां को जो प्रदेश प्रभारी हैं! दिनेश मोहनियां की अगुवाई में आप ने जिस तरह चुनाव लडने वाले अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया वो किसी के काम आते नहीं दिखा एक मुल्ले को लेकर आम आदमी पार्टी उत्तराखंड चढ़ कर बोल बोल रही थी! एक कलाकार था शहनाज हुसैन उर्फ हिंदुस्तानी उसने पीछे से जोड़ कर अपना नाम हिंदुस्तानी जोड़ रखा था ना जाने क्यों ? वो कहां से आया और पार्टी का क्या था कोई मालूम नहीं! इसके अलावा पीके ग्रुप की टीम होती थी जिसका काम सभा को ठीक ठाक करवाना, खाली कुर्सी को एकदम से हटाना, सोशल वर्क उनका गजब था! उनको भी नहीं लगा कि शहनाज हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत डाउनलोड उत्तराखंड में नहीं होगा! क्योंकि यहां हिंदू बाहुल समाज है! हिंदू समाज की एकता फिर से पुष्कर धामी को ऐतिहासिक जीत से सीएम बना गई! मुस्लिम पार्टी के नाम से आप उत्तराखंड में अपनी पहचान बनाने में अवश्य सफल रही! एक क्षण भी आप ने मंच किसी उत्तराखंड के कलाकारों को दिया होता तो बात ही कुछ और होती! जहां भी आप की सभा होती थी ये मंच में आकर संचालक होकर गीत गाता और कहता था : उत्तराखंड की टूटी माला… हम फिर से पिरोने आए हैं! इसके बाद बीच में कहता…हम वो बीज बोने आए हैं की पीढ़ी याद करेंगी! कह सकते हैं कि आप पार्टी को उत्तराखंड में शहनाज खान साहब ले डूबे! जनता ने सोचा हमारी माला टूटी बोल रहा है और ये मुल्ले के पास कैसा बीज है जो ये बोने आया है! पहाड़ में माला का बहुत बड़ा महत्त्व होता है! महिलाएं बहन बेटी माला टूट भी गई तो उसे टूट गई नहीं बोलती ? कहती हैं मेरी माला मॉल गई! चूड़ी वाले की तलाश करती हैं या फिर रेशम का तागा खोजती हैं! उत्तराखंड देव भूमि में शहनाज खान साहब को लेकर चुनाव जीतने निकले दिनेश मोहनियां को वो पटकी मिली है कि अब वह फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं! उत्तराखंड की रोड पर जब उनकी फरचूनर मिल रही है तो उन्हें सड़कें भी बदली सी नजर आने लगी हैं! मैं हार नहीं मानूंगा वाली ज़िद अब भी जारी है! आप पार्टी ने उत्तराखंड में नई टीम का फिर से गठन किया है इसके मुखिया लोगों की एक सूची जारी की गई है। दिनेश मोहनियां चक्कर में पड़े हैं कि अब किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाएं! सोच रहे हैं जमीनी नेता को खोजा जाए जोड़ी से ना भाग जाए! आप ने हार नहीं मानूंगी के तहत एक नई सूची जारी की है जिसमें मजबूत टीम वर्क की उम्मीद की जा रही है! दिनेश मोहनियां चक्कर खिलाने वाले थे लेकिन खुद चक्कर खा गए और केजरीवाल को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे! जिनको टिकट दिया उनसे लाखों खाए और करोड़ रूपए खर्च करवाए उसके बाद पार्टी को खड़ा किया! आज चुनाव लडने वाले कर्ज में डूबे हैं! झंडा, पर्चा यहां तक इनके लिए रहने खाने घूमे तो तेल के तक पैसे वाले गए! जिसने मुफ्त में झंडे तक नहीं दिए उत्तराखंड को तो वोट कैसे मिलता! दिनेश मोहनियां की नई टीम क्या रंग लायेगी भविष्य में दिखाई देगा।
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