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नैनीताल:टिफिनटॉप से सटे जंगलों में मिला अमेरिकी जंगलों में पाया जाने वाला लाल रंग का मशरूम, जानें इस मशरूम की क्या है विशेषता…

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नैनीताल। नगर के प्रमुख पर्यटक स्थल टिफिनटॉप से सटे जंगलों में बुधवार को एक लाल रंग का आकर्षक मशरूम मिला। इसेे छायाकार पद्मश्री अनूप साह ने अपने कैमरे में कैद किया। उनका दावा है कि यह बोलेटस रूब्रोफ्लैमियस नाम का मशरूम है जो आमतौर पर पूर्वी अमेरिका के जंगलों में पाया जाता है।अनूप साह बुधवार को ट्रेकिंग के लिए टिफिन टॉप की ओर गए तो उन्हें वहां सुर्ख लाल रंग का एक मशरूम दिखा। इस अनोखे मशरूम को उन्होंने कैमरे में कैद किया।मशरूम के बारे में अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए उन्होंने उसकी फोटो मशरूम पर शोध करने वाले फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट से सेवानिवृत्त डॉ. निर्मल एसके हर्ष को भेजी जिन्होंने इसकी पहचान की।

अनूप साह के अनुसार डॉ. निर्मल ने बताया कि इस मशरूम का वैज्ञानिक नाम बोलेटस रूब्रोफ्लैमियस है। यह बांज जैसी कठोर लकड़ियों से विशेष संबंध बनाकर रखता है। पेड़ की जड़ें मशरूम को निवास समेत पोषक तत्व देती हैं जबकि इस उपकार के बदले मशरूम का माइसीलियम (फफूंद में वनस्पतियों की तरह शाखाओं वाले धागेनुमा हाइफ) पेड़ को मिट्टी से पोषक तत्व देता है। इस तरह दोनों ही एक दूसरे का लाभ लेकर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करते हैं।
मशरूम पर शोध करने वाले डॉ. हर्ष ने 2021 में देश भर के मशरूम पर रेड लिस्ट ऑफ माइक्रो फंगई ऑफ इंडिया (भारत के स्थूल कवक की लाल सूची) प्रकाशित की। इसमें भारत से रिपोर्ट की गई मशरूम आदि का डेटाबेस भी है लेकिन अभी तक देश में बोलेटस रूब्रोफ्लैमियस रिपोर्ट नहीं किया गया है। डॉ. हर्ष के मुताबिक पारिस्थितिक तंत्र में इसकी उल्लेखनीय भूमिका है। (संवाद)
देश में पहली बार खोजा गया यह मशरूम : डॉ. हर्ष
नैनीताल। 1982 में डीएसबी से शोध करने वाले एफआरआई से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक और 44 वर्ष तक देशभर के मशरूम पर शोध करने वाले माइकोलॉजिस्ट डॉ. निर्मल एसके हर्ष ने कहा कि यह देश में पहली बार खोजा गया मशरूम है। 2021 में देश भर के मशरूम पर उन्होंने एक पुस्तक लिखी। उसमें भी इस मशरूम का जिक्र नहीं है।

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