

नैनीताल। उत्तराखंड का सबसे खूबसूरत शहर अब अपने अस्तित्व के लिए छटपटाने लगा है। भूगर्भ वैज्ञानिक कहते हैं मानवीय हस्तक्षेप बढ़ने से नैनीताल की पहाड़ियों दरकने लगी हैं जिससे नैनीताल के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। भूगर्भ वैज्ञानिक बीएस कोटलिया कहते हैं कि नैनीताल को बचाने के लिए सरकार गंभीरता से चिंतन और मनन करें वरना नैनीताल को बचा पाना बेहद कठिन हो जाएगा उन्होंने कहा 1880 में हुए भूस्खलन ने जिस तरह तबाही मचाई और 151 लोगों की जान चली गई थी उसके जख्म आज तक नहीं भर सकी सरकार। वैज्ञानिकों का कहना है कि नैनीताल की पहाड़ियां अब भार सहने के लायक नहीं बची हैं लेकिन अंधाधुंध निर्माण कार्य गतिमान है। वैज्ञानिकों का कहना है डीपीआर और प्रस्ताव के चक्कर में नैनीताल संकट से घिरता जा रहा है। जाने-माने भूगर्भ विज्ञानी सीसी पंत कहते हैं नैनीताल की भौगोलिक संरचना अन्य पहाड़ी शहरों से भिन्न है जो इसे स्थिर बनाए हुए हैं उन्होंने कहा शहर के बीचों बीच से गुजरने वाले नैनीताल फाल्ट के साथ ही कुरिया फाल्ट सीपी हेलो फाल्ट समेत अन्य छोटे छोटे फाल्ट ने शहर को बेहद संवेदनशील बना दिया है इन फाल्ट में भौगोलिक अड़चनों के कारण पहाड़ियां कमजोर हो गई है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण बलिया नाला पहाड़ी है जो 151 साल बाद भी दरक रही है, मॉल रोड कभी भी झील में समा सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा है सरकार नैनीताल के लिए तुरंत एक्शन प्लान तैयार करें वरना नैनीताल को बचा पाना बेहद कठिन हो जाएगा।










More Stories
Breking news: गर्मी से निजात पाने को चार दोस्त नदी में कूदे एक डूबा! पढ़ें कहां का है मृतक…
Breking news: छोटी मछली के बाद अब मगरमच्छ पकड़े जा रहे हैं! पढ़ें सीएम पुष्कर धामी के जनपद में दूसरे दिन आयोजित कार्यक्रम…
ब्रेकिंग न्यूज: केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर में आई खराबी! इमरजेंसी लैंडिंग! पायलट को मामूली चोट! यात्री सकुशल! पढ़ें खास अपडेट…