लालकुआं। एक ओर सरकार अक्टूबर से खनन कार्य शुरू करने के लिए मशीनरी को चुस्त दुरुस्त करने जा रही है वहीं दूसरी ओर वाहन स्वामी हड़ताल की धमकी दे रहे हैं। वाहन स्वामी कहते हैं जब तक सरकार रायल्टी कम नहीं करती और क्रशर वाले रेट का खुलासा नहीं करते तब तक वाहन स्वामी ना गाड़ी के कागज निकालेंगे और ना लेबर व चालकों को बुलाएंगे। वाहन स्वामी इस बात पर चिंतित हैं कि उनसे टैक्स भरवा लिया जाता है और क्रशर मनमानी करते हैं जिससे वाहन स्वामी घर से पैसे लगाने को मजबूर हैं। वाहन स्वामी कहते हैं वाहन चलाकर जब कुछ बचेगा ही नहीं तो वाहन चलाने से खड़ा रखने में ठीक है। बैठक में लोगों का मत था की क्रशर वाले किस रेट माल लेंगे और क्या उनको बचेगा इसका हिसाब लगाने के बाद ही वाहन स्वामी वाहन रोड पर लायेंगे। इस अवसर पर भाजपा नेताओं में इंदर सिंह बिष्ट, दीपक जोशी ने भी वाहन स्वामी एकता को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि जब पैसा बचेगा ही नहीं तो गाड़ी मालिक कब तक पल्ले से पैसा लगाएगा। अब विभाग क्या निर्णय लेगा खनन समिति के मुखिया हर जिले के जिला अधिकारी होते हैं जो अपने अपने जिले के खनन की स्थिति पर जिला स्तर पर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। स्टेट खनन नीति और एनजीटी के नियमों का पालन करवाना भी जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होती है। जिला प्रशासन क्या निर्णय लेगा और क्या सरकार की खनन नीति इस साल होगी अभी कुछ साफ नहीं हो सका है। सरकार को राजस्व में बढ़ोत्तरी करनी है ऐसे में वो क्या निर्णय लेगी ये सरकार पर निर्भर करता है।
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