देहरादून, मुख्य संवाददाता। केदारनाथ के लिए रोपवे का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
प्रमुख सचिव, वन एवं लोनिवि, आरके सुधांशु ने बताया कि, राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने केदारनाथ सेंचुरी एरिया में रोपवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। केदारनाथ के पैदल ट्रेक और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को बोर्ड ने भी हरी झंडी दे दी है। इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा। इस परियोजना में कुल 26 हेक्टेयर अधिग्रहीत की जाएगी।
आधे घंटे में पूरी होगी सात किमी की दूरी
केदारनाथ के लिए रोपवे बन जाने के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ की यात्रा महज 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। जबकि रोपवे की क्षमता प्रति घंटा पांच हजार यात्रियों को ले जाने की होगी। साथ ही राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने रामबाड़ा से गरुडचट्टी तक साढ़े पांच किमी पैदल ट्रैक के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। यह मार्ग 2013 की आपदा में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।
हेमकुंड साहिब रोपवे को भी हरी झंडी
राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने सेंचुरी क्षेत्र नहीं होने के कारण हेमकुंड रोपवे परियोजना को मंजूरी को जरूरी नहीं माना। ऐसे में अब इस परियोजना को भी हरी झंडी मिल गई है।
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