देहरादून: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के 21 नवंबर को सचिवालय कूच के ऐलान से कांग्रेस में अंदरखाने खासी बेचैनी है। हालांकि प्रदेश संगठन के नेता खुलकर तो कुछ नहीं कर रहे हैं, लेकिन प्रीतम के कार्यक्रम की वजह से असहज भी कम नहीं है। शिकायत यह है कि एक बड़ा कार्यक्रम करने से पहले प्रदेश संगठन को विश्वास में नहीं लिया गया।लंबे समय बाद पहला मौका है जब प्रीतम अपने व्यक्तिगत दम पर बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम करने जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहते हुए प्रीतम कई बार बड़े कार्यक्रम कर चुके हैं, लेकिन अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पद से हटने के बाद यह उनका पहला बड़ा कार्यक्रम है। प्रीतम का कहना है कि यह सचिवालय कूच का कार्यक्रम जनहित और राज्यहित से जुड़े विषयों को लेकर है। मैं स्वयं कांग्रेस का समर्पित सिपाही हूं। सभी लोग इसमें बढ़चढ़कर भाग लेंगे। सूत्रों के अनुसार प्रीतम कैंप ने इस कार्यक्रम को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। इसके लिए अभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।दूसरी तरफ प्रदेश उपाध्यक्ष-संगठन मथुरादत्त जोशी ने कहा कि प्रीतम सिंह कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता हैं। सचिवालय कूच कार्यक्रम पूरी पार्टी और प्रदेश की पूरी जनता का कार्यक्रम है। सभी लोग इसमें शामिल होंगे।
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