विधानसभा बैकडोर भर्तियों में ना सिर्फ भाई भतीजावाद चला बल्कि योग्यता को भी दरकिनार किया गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की आरटीआई पर विधानसभा सचिवालय के जवाब से यह खुलासा हुआ है। जहां आठवीं पास तो कम्पयूटर सहायक, दसवीं पास सहायक समीक्षा अधिकारी बन गए वहीं बीटेक पास रक्षक के तौर पर ही तैनात हो पाए।प्रीतम सिंह ने बुधवार को पत्रकार वार्ता के दौरान, विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों को लेकर खुलासा किया। उन्होंने आरटीआई के जरिए प्राप्त 165 कर्मचारियों की सूची जारी करते हुए कहा कि भर्तियों में योग्यता को दरकिनार किया गया । इस सूची में2001 में नियुक्त एक कर्मचारी की योग्यता महज आठवीं बताई गई है, जबकि वो कम्प्यूटर सहायक बताए गए हैं। जबकि एक कर्मचारी मैकेनिकल इंजीनियर की योग्यता के बाद भी रक्षक ही बन पाए। जबकि कम से कम 10 कर्मचारी महज हाईस्कूल पास शैक्षिक योग्यता रखने के बावजूद सहायक समीक्षा अधिकारी की कुर्सी पर पहुंच गए। प्रीतम सिंह ने कहा कि जहां योग्यता का यह पैमाना रहा हो वहां भला क्या काम होता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है? पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन नियुक्तियों को अंजाम देने वाले सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गठित कमेटी ने भी योग्यता को नहीं परखा। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने 2016 से पूर्व की भर्तियों पर भी अब तक कानूनी राय नहीं लिए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सभी नियुक्तियां अवैध हैं तो फिर मात्र नियमित हो जाने से किसी का बचाव करना ठीक नहीं है।
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