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देश सनातन धर्म के पथ पर अग्रसर! पढ़ें क्यों है जरूरी सनातन धर्म! संपादक जीवन जोशी की कलम से…

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जीवन की कलम से…

सनातन धर्म और धर्म निरपेक्षता!

देश में एक बार फिर से सनातन धर्म की लहर चल पड़ी है देव भूमि भारत में देव शक्तियों का प्रदर्शन इस बात का धोतक है कि भूमिगत शक्तियां प्रकट होने लगी हैं जो सनातन संस्कृति की तरफ फिर से देश को ले जाना चाहती हैं।बागेश्वर धाम में जो लीला देखने को मिल रही है उसे क्या कहोगे ? मंत्र से अग्नि जल जाती है, तीर से बारिश हो जाती थी जहां वह देश है भारत! अब सरकार और सनातन धर्म की ताकत एक दूसरे पर निर्भर करती है कि वह किस तरह देश में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने वाली बयार बहाते हैं और कैसे सदियों पुराने सपने को साकार कर पाते हैं! विरोध भी होगा स्वागत भी होगा जीत उसकी होगी जो सत्य के साथ होगा! किसी भी हाल में अब सनातन धर्म की आंधी रुकती नहीं दिख रही है! उन गांवों की बात करते हैं जहां लोग तिलक नहीं लगाते थे आज हर तीसरे महीने भागवत कथा श्रवण करने वाले हो गए हैं! नास्तिक भी आस्तिक होते जा रहे हैं हिंदू धर्म का डंका बज रहा है तो इसके मायने सनातन धर्म मजबूत हो रहा है! पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक बदलाव आया है इसलिए उम्मीद की जाने लगी है कि भारत की पौराणिक कथाओं के अनुसार सनातन संस्कृति इस देश की पहचान रही है! पूरी दुनियां आज अशांत है लेकिन शांति सिर्फ और सिर्फ भारत में है उसका कारण सनातन धर्म पथ संचलन है! आज देश में हिंदुत्व जिंदाबाद कह पा रहे हैं खुलकर लोग कभी निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाई गई थी! आज सनातन धर्म से जुड़ी ताकत और सरकार एक सूत्र में मिलकर आगे बढ़ते दिख रहे हैं जिससे धर्मनिरपेक्ष छवि वाले दल भटक गए हैं! सभी विपक्षी दल अलग थलग पड़ गए इसका कारण भी सनातन धर्म पथ संचलन है! मोदी सरकार को फिर 2024 में धर्म निरपेक्ष ताकतों से जूझना होगा! इसके लिए विपक्ष पूरी ताकत से भिड़ेगा! कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा चुनाव में कितना असर डालेगी ये अभी कह पाना कठिन है क्योंकि तब तक परिस्थितियां बदल सकती हैं! चुनाव में भाजपा मंडल से लेकर केंद्र तक संगठित हो तो फिर सनातन धर्म और मजबूत होता है और जहां मंडल जेबी कमंडल होता है वहां सनातन धर्म पथ संचलन कमजोर हो जाता है! सक्रिय और निष्क्रिय दो शब्द हैं जिनका चिंतन सनातन धर्म पथ पर चलने वाले लोगों को करना होगा! देश में गावों से लेकर शहर तक सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है! सांसद/विधायक किस दल का है ये मायने नहीं रखता! मायने ये रखता है वोट का आधार क्या है! सनातन धर्म पथ संचलन है या धर्म निरपेक्षता है! देश में धर्म का जितना प्रचार तेज होगा उतना ही सनातन संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा! चुनाव में जनता किसे वोट देती है ये उसका विवेक है! विवेक तो धर्म पर आधारित होता दिख रहा है! देश में हिंदू धर्म को बचाना सनातन धर्म पथ पर चलने वाले लोगों की जिम्मेदारी है तो धर्म निरपेक्ष दल हर हाल में भाजपा को उखाड़ फेंकना चाहते हैं! कांग्रेस चुनाव पूर्व मोर्चा बना सकती है ऐसे आसार नजर आने लगे हैं! ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव , अरविंद केजरीवाल जैसे अन्य कई नेता चुनाव पूर्व भाजपा भगाओ देश बचाओ का नारा दे सकते हैं इसलिए सावधानी बरतनी होगी सनातन धर्म पथ पर अग्रसर लोगों को! बेरोजगारी , महंगाई चुनाव का मुद्दा बन सकता है! सरकार के पास समय है वह इन दोनों मुद्दों पर धरातल पर सुधार लाने का प्रयत्न कर विपक्ष के हाथ से मुद्दे कम करे! सनातन संस्कृति और सभ्यता को लेकर जनता में बेहद लगाव देखा जा रहा है! महिलाशक्ति सनातन धर्म पथ की बुनियाद बन रही हैं! हर आयोजन में महिला मुखिया होना एक गर्व की बात है! देश में ज्वलंत मुद्दों पर धरातल पर निरीक्षण किया जाए और जनता की भावना का सम्मान जरूरी है।

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