सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को नियमों का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस को युवाओं ने ही नसीहत दे दी। हालात यह बन गए कि पुलिस को महज 20 मिनट में ही फेसबुक पेज पर किए गए पोस्ट के कमेंट्स ब्लॉक करने पड़े। यहां तक पुलिस ने वीडियो से साउंड तक हटाना पड़ा।दून में प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज के बाद रात करीब 10 बजे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरगेशन ने उत्तराखंड पुलिस फेसबुक पेज पर एक संदेश पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने युवाओं को शांतिपूर्ण आंदोलन करने की नसीहत देने के साथ उपद्रव करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। फिर क्या था पोस्ट में एक के बाद एक कमेंट आने शुरू हो गए। कई लोग पुलिस के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। कुछ ने तो पुलिस को ही पूरे मामले का जिम्मेदार ठहरा दिया। पुलिस पर सरकार के इशारे पर काम करने और युवाओं के खिलाफ तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया। महज 20 मिनट में ही 100 से अधिक लोगों ने पुलिस के विरोध में कमेंट्स कर दिए। सोशल मीडिया में फजीहत होता देख पुलिस महकमे ने पहले कमेंट्स ब्लाक कर दिया, जिसके बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के संदेश का साउंड बंद करना पड़ा।
युवाओं के कमेन्ट….
● जनता के टैक्स से सैलरी लेने वाले उन्हें ही पीट रहे हैं
● इससे बुरा कोई काम नहीं हो सकता है, शर्मनाक
● पुलिस को अब सफाई देने की आवश्यकता नहीं है
● सफाई देने के बजाए युवाओं से माफी मांगे पुलिस
● उत्तराखंड पुलिस को स्वयं सुधरने की जरूरत है
● पुलिस को समझना चाहिए कि बलिदानों से बना है राज्य
● युवाओं के खिलाफ तानाशाही पर उतर आई है पुलिस
● पुलिस को पहले अपने जवानों के वीडियो देखने चाहिए
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