ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व विधायक नारायण सिंह जन्तवाल के द्वारा जिला योजना के तहत विनायक हैडीयागांव 3कीमी सड़क की संस्तुति उपरांत 2कीमी मार्ग का वर्ष 2009में पहाड़ कटान का कार्य पूर्ण हो चुका था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार के रहते राज्य योजना से उक्त मार्ग हेतु सुधारीकरण एवं डामरीकरण हेतु धन आवंटित किया गया था। काफी समय बाद वर्तमान विधायक रामसिंह कैड़ा द्वारा हस्तक्षेप करने के उपरांत कार्य प्रारंभ किया गया। 900मीटर लम्बाई में कार्य करने के उपरांत ठेकेदार द्वारा कार्य को आगे रोक दिया गया आधा अधुरा खोदकर छोड़ दिया गया जिससे ग्रामीणों सहित सम्पूर्ण जन मानस को काफी दिक्कत हुई है विभाग द्वारा भी कोई समाधान नहीं हुआ।
ग्रामीण लोगों का जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारियों से विश्वास हटने लगा है। मजबूर हो रहे ग्रामीण शिष्ट मंडल द्वारा जारी पत्र लिखकर प्रशासन को अवगत कराते हुए मुख्य विकास अधिकारी संदीप तिवारी द्वारा तत्कालीन विकास योजना में दिए निर्देश के उपरांत सहायक अभियंता भवाली द्वारा जारी ठेकेदार को पत्र लिखा गया है कि प्रधान सहित ग्रामीण लोगों की उम्मीद पर कार्य प्रारंभ किया जाय।
अब देखना यह होगा क्या इस गांव के नौनिहाल सहित मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सरकार के जनप्रतिनिधि राष्ट्र निर्माण में प्रधान सेवक नरेंद्रमोदी के सपनों को साकार करने में सक्षम हो सकेंगें। ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार यहां पर पूर्व सैनिक, राज्य कर्मचारी, छोटे-छोटे काश्तकारों, के बेरोजगार उद्यमी युवा पलायन कर शहरों में धक्के खाने को मजबूर हो रहे हैं। यहां कृषि योग्य भूमि झाड़ियों में तब्दील हो गई है सन् 1958में बनीं भीमताल नहर मात्र राजस्व अभिलेखों में दर्ज है पेयजल हेतु लोंगों को बड़ी मसक्कत करनी पड़ती है । शिक्षा स्वास्थ्य अन्य मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित यह गांव पलायन कर शहरों में रोज़गार के लिए जाते देखा है। सड़क पानी बिजली जैसी तमाम योजनाएं चलाई जा रही है सरकार द्वारा संचालित स्वीकृत राशि को वापस जाते देखा गया है ।
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