Durgami Nayan

Latest Uttarakhand News in Hindi

आशीर्वाद दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदल सकता है! पढ़ें आध्यात्म…

Ad
खबर शेयर करें -


सच्चे ह्रदय से निकला आशीर्वाद हमारे दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदल सकता है !
एक महिला हुई है सावित्री ;
राम नाम के रंग में रंगी परम अनुरक्ता !
घर के समीप ही एक आश्रम है जहा एक परम संत निवास किया करते है नित्य-प्रति वहा जा कर के तो झाडू पोंच्चा लगाया करती है !
संत महात्मा के चरण छू कर के उनका सम्मान किया करती है !
आज भाग्य का कुठाराघात हुआ है ;पति की मृत्यु हो गयी है !शव-यात्रा शमशान की ओर प्रस्थान कर रही है ;आगे-२ पुरुष अर्थी उठाये जा रहे है पीछे-२ विलाप करती महिलाये चल रही है !
अचानक ही सावित्री को वही संत-महात्मा सड़क की दूसरी ओर से आते हुए दिखाई दिये है ;महिलाओ की भीड़ से हट कर के तो आदत के अनुरूप सावित्री ने संत-महात्मा के श्री चरणों को छुआ है !
-सौभाग्यवती भव !यह आशीर्वाद संत-महात्मा ने सावित्री के सिर पर हाथ रख कर के तो दिया है ;यह सुनकर तो सावित्री की आँखों से आंसू बह निकले है !
-क्या हुआ है बेटी ?
महाराज आप ने सौभाग्यवती होने का जो आशीर्वाद दिया है वह व्यर्थ ही है ;मेरे सौभाग्य को तो शमशान में जलाने के लिए ले जाया जा रहा है !
संत-महात्मा मुस्कराते हुए कहते है -बेटी जब से परमात्मा ने मुझे अपनाया है तब से इस मुख से कभी असत्य वचन नहीं निकला !
आज भी इस मुख से तुम्हारे लिये जो आशीर्वाद निकला है उसमे भी प्रभु ही की कोई लीला रही होगी
साधकजनों सत्य मानियेगा ;सावित्री के पति को जब जलाने के लिए अर्थी पर लिटाया गया है तो वह जीवित उठ खड़ा हुआ है !

यह भी पढ़ें 👉  Breking news: नैनीताल जनपद में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह पूर्वक मनाया! पढ़ें कहां किसने लिए भाग...

संत-महात्मा के आशीर्वाद का प्रताप कहियेगा इसे साधकजनों या सावित्री की विनम्रता का जो मरा हुआ व्यक्ति उठ खड़ा हुआ है !सावित्री की विनम्रता ने ही मानो संत-महात्मा को आशीर्वाद देने के लिए विवश किया है !

यह भी पढ़ें 👉  Breking news: पुलिस इंस्पेक्टरों के बंपर तबादले! पढ़ें नीरज भाकुनी को कहां भेजा गया...

अतःअपने माता-पिता बड़े-बजुर्गो एवं गुरुजनों के आगे झुकना सीखियेगा !इन का ह्रदय से दिया हुआ आशीर्वाद हमारे जीवन की दशा और दिशा दोनों को बदल कर रख सकता है !

बच्चा निःस्वार्थी है तो प्यारा लगता है, संत निःस्वार्थी हैं तो प्यारे लगते हैं, भक्त निःस्वार्थी हैं तो प्यारे लगते हैं और स्वार्थी लोगों को तो देखकर जान छुड़ाने की रुचि होती है । अतः जीवन में निःस्वार्थ सेवा, निःस्वार्थ भगवान के नाम का जप ले आओ।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad