देहरादून।
उत्तराखंड में मार्ग दुर्घटनाओं का सिलसिला सा चल पड़ा है आए दिन दुर्घटना में लोग अकाल मौत के मुंह में समाते जा रहे हैं जो पर्यटन के लिहाज से बेहद चिंता का विषय बनता जा रहा है। बरसात शुरू होने से पहले ही मार्ग दुर्घटनाओं में इजाफा होना सोचने को मजबूर कर रहा है। हर दिन कहीं ना कहीं वाहन के गिरने का समाचार दुखद है। क्या कारण है कि अचानक दुर्घटना बढ़ती जा रही हैं। पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ ही एक्सीडेंट की घटना तेजी से बढ़ी हैं। लोग कहने लगे हैं कि सड़कों की बदहाल स्थिति इसके लिए जिम्मेदार है। खाई के पास या यू बैंड के पास सुरक्षा दीवार बनाने की जरूरत महसूस होने लगी है। लोगों की मानें तो खतरनाक जगहों पर लोगों को चेताने के लिए स्लोगन लिखे जाने चाहिए या फिर ट्रैफिक पुलिस को इसके लिए जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। मार्ग दुर्घटनाओं पर रोक कैसे लगे इसके लिए शासन प्रशासन को कुछ तो हल खोजना ही होगा ऐसे तो पर्यटन का कारोबार चौपट हो जायेगा। हिल स्टेशन पर कैसे वाहन चलाएं इसके लिए गाइड लाइन बनाने की जरूरत है। टूरिस्ट आते हैं उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। बरसात का मौसम शुरू होने से पहले ही जिस तरह वाहन खाई में गिर रहे हैं वो गंभीर चिंता का विषय है। मार्ग दुर्घटनाओं पर विराम लगाने के लिए उचित पहल की दरकार है।
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