नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने सेना में हर साल चालीस हजार युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करने का नया फार्मूला तैयार करते हुए अग्निपथ योजना को अंतिम रूप दे दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ये योजना देश के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होने वाली है। विपक्ष इसे युवाओं के साथ धोखा कह रहा हैं और सेना के लिए खतरे की घंटी बता रहा है। सरकार की इस योजना का युवा भी विरोध करने लगे हैं। देश के कई राज्यों में युवा सड़कों पर उतरकर सरकार के इस निर्णय को युवा शक्ति के साथ धोखा कहने लगे हैं। सरकार जहां इस योजना को लागू करने जा रही है तो वहीं इसका विरोध भी तेज हो गया है। सेना में भर्ती होने का सपना संजोए युवा इसके विरोध में नजर आने लगे हैं तो वहीं बेजान विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा में आता दिख रहा है। युवा शक्ति जगह जगह सड़कों पर उतरने लगी है जो एक नई समस्या नजर आ रही है। केंद्र सरकार किस तरह इस मामले को ठीक करने का काम करेगी और कैसे युवा शक्ति को शांत करती है ये उसके सोचने का विषय है। उत्तराखंड में भी इसका युवा शक्ति विरोध करने लग गई है। कई राज्यों में युवा सड़कों पर उतरने लगा है जो एक नई मुसीबत खड़ी होती दिख रही है।
युवाओं को विश्वास में लेना और उनको अग्निपथ योजना का लाभ समझा पाना सरकार के बस में अधिक कि वह किस तरह मामले को सुलझाती है। युवा पीढ़ी इस योजना का किस हद तक विरोध करती है और विपक्ष क्या करता है ये भी सोचनीय है। युवा अगर भड़क गया तो सरकार को एक नई समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कई राज्यों से विरोध की खबर आ रही है। देश की नौजवान युवा पीढ़ी सरकार की इस योजना के विरोध में खड़ी होने लगी है जो आने वाले समय में नई मुसीबत हो सकती है । सरकार को चाहिए कि वह युवा शक्ति से टकराव को किसी भी तरह टाले। देश की ताक़त और भाजपा की ताकत युवा ही है। विपक्ष इस मुद्दे को लपक कर युवा को सरकार के खिलाफ भड़का सकता है तो वहीं दूसरी ओर युवा शक्ति भी इस योजना को लागू करने के विरोध में दिख रही है। सरकार को इस मामले को समय रहते सुलझाना चाहिए।
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