Durgami Nayan

Latest Uttarakhand News in Hindi

चम्पावत जिले काे CM धामी बनाएंगे हिमालयी विकास का मॉडल, जानिए क्या है प्लान…

खबर शेयर करें -

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि विज्ञान और तकनीकी का उपयोग करते हुए इकोलॉजी- इकोनॉमी के बीच संतुलन बनाते हुए, उत्तराखंड हिमालयी राज्यों के लिए विकास का मॉडल बनेगा। इसकी शुरुआत चम्पावत जिले को एक मॉडल के तौर पर विकसित किए जाने के साथ होगी।

सीएम कैम्प कार्यालय में चम्पावत जनपद को आदर्श जनपद के रूप में विकसित करने के लिए आयोजित बोधिसत्व संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड पूरे हिमालय क्षेत्र को विकास की राह दिखा सकता है। इसकी शुरुआत चम्पावत जिले से की जाएगी, चम्पावत में सभी तरह की भौगोलिक परिस्थितियां मौजूद हैं।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं :- खनन स्टॉक को लेकर SDM और ग्रामीणों के बीच हुई तीखी बहस.... देंखे VIDEO

उन्होने कहा कि चम्पावत जनपद को आदर्श जनपद बनाने के लिए यूकास्ट नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है। चम्पावत में कार्बेट ट्रेल और आयुष ग्राम पर तेजी से काम किया जाए। साथ ही हैलीपेड बनाने की सम्भावना का अध्ययन किया जाए। यहां सिडकुल द्वारा छोटे इंडस्ट्रीयल एरिया विकसित किए जा सकते हैं।

आईटीआई में रोजगार परक और बाजार की मांग आधारित कोर्सेज संचालित किए जाएंगे। राज्य सरकार चम्पावत में सङक और रेल कनेक्टीविटी विकसित करने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों के सम्पर्क में है। बैठक में हैस्को के संस्थापक पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि चम्पावत को विभिन्न क्लस्टरों के रूप में विकसित किया जा सकता है।

इस मौके पर भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के अधिकारियों ने टोपोग्राफी, भू उपयोग, साईट सूटेबिलिटी एनालिसिस, जैव विविधता, ड्रैनेज, भूजल, जियोलाजिकल स्ट्रक्चर, लैंडस्लाइड से संबंधित मैपिंग पर प्रस्तुतिकरण दिया। अधिकारियों ने बताया कि उनका संस्थान सैटेलाइट कम्यूनिकेशन, टेली एजुकेशन और टेली मेडिसन में सहयोग कर सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  Breaking News :- समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा का अंतिम चयन परिणाम हुआ निरस्त....

आईआईपी के वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी एक टीम ने चम्पावत का दौरा कर यहां विभिन्न सम्भावनाओं का अध्ययन किया है। आईआईपी चीड़ पत्तियों का आर्थिक उपयोग व बायोडीजल के क्षेत्र में काम कर सकता है। मत्स्य संस्थान ने बताया कि चम्पावत में ट्राउट फिशिंग में काम की काफी सम्भावनायें हैं।

वन विभाग की ओर से कहा गया कि इको टूरिज्म के साथ ही वन पंचायतों के माध्यम से हर्बल व ऐरोमैटिक के क्षेत्र में काम किया जा सकता है। बैठक में यूकास्ट के निदेशक प्रो दुर्गेश पंत, हॉफ विनोद सिंघल, अपर सचिव सी रविशंकर, रंजना, बंशीधर तिवारी, डीएम चम्पावत नरेन्द्र सिंह भण्डारी उपस्थित हुए।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
Ad