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बिंदुखत्ता: क्या सिर्फ चुनावी घोषणा पत्र तक सीमित रह जायेगा राजस्व गाँव का मुद्दा ?, जनता का जनप्रतिनिधियों से सवाल आखिर कब मिलेगा राजस्व गाँव…

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बिंदुखत्ता। क्षेत्र की जनता आजादी के बाद से लगातार राजस्व गांव बनाए जाने की मांग करती आ रही है लेकिन आज दिन तक किसी ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव नहीं बनाया। हर चुनाव में बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाए जाने की घोषणा राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में करते हैं। वर्तमान विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने राजस्व गांव को लेकर एक कमेटी बनाई है जिसकी अब तक दो बैठक हुई हैं जिसमें आम जनता ने अपने सुझाव दिए जिसमें अधिकांश लोगों ने राजस्व गांव बनाए जाने की मांग की है। इस अवसर पर कुछ लोग नगर पालिका की भी बात कर रहे थे जिसे जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है। अब विधायक डॉ मोहन बिष्ट राजस्व गांव को लेकर चर्चा में आए हैं उन्होंने राजस्व गांव बनाए जाने की पहल की है जिसे लेकर लोग उत्साहित हैं। लोगों का कहना है कि विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बना दिया तो जनता हमेशा उनको विधायक चुनेगी। विधायक भी इस मुद्दे की लेकर गंभीर हैं। सरकार बिन्दुखत्ता को कब राजस्व गांव बनाएगी ये देखना होगा। जनता का कहना है डबल इंजन सरकार में राम मंदिर निर्माण हो सकता है, धारा 370 हट सकती है तो बिंदुखत्ता राजस्व गांव क्यों नहीं बन सकता ? तीसरी बैठक राजस्व गांव को लेकर कब होगी इसकी सूचना अभी नहीं है। जनता राजस्व गांव को लेकर लंबे समय से आंदोलित है और समय समय पर प्रदर्शन करती रहती है। राजस्व गांव संघर्ष समिति ने कहा है सरकार बिंदुखत्ता को समय रहते राजस्व गांव बनाए जिससे केंद्र सरकार की योजनाओं का एक लाख की आबादी को लाभ मिल सके।

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