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जोशीमठ घटना ने चिपको आंदोलन की यादें ताजा कर दी! पागल नहीं थे पर्यावरण विद जिन्होंने जल जंगल जमीन बचाने को किया था ऐतिहासिक आंदोलन! विरोध के बावजूद चल रही जल विद्युत परियोजनाओं ने उजाड़ा उत्तराखंड! कभी नैनीताल झील भी ले सकती है अंगड़ाई! धामी सरकार पर टिका है उत्तराखंड का सर्वांगीण विकास! तो क्या जन विरोधी परियोजनाओं को बंद करना होगा! पढ़ें जीवन जोशी की कलम से…

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जोशीमठ। सीमांत क्षेत्र में भू धसाव की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं! 1970 से इसकी पैरवी की जा रही थी लेकिन अंत में वही हुआ जिसकी पर्यावरण विद आशंका जता रहे थे! उत्तराखंड में बिजली के लालच में बनी विद्युत परियोजना कितनी नुकसान दायक साबित हो रही हैं इसका उदाहरण भी जोशीमठ कहा जा सकता है। उत्तराखंड में पूर्व की सरकारों ने जो जुल्म किए उसकी दासता है जोशीमठ की घटना! हर सरकार ने उत्तराखंड के जल जंगल जमीन को निशाना न बनाया जिसके चलते आज उत्तराखंड की अधिकांश जगहों में आबादी डूबने के कगार पर है! इसके साथ ही राज्य की झीलें भी जानलेवा साबित हो सकती हैं! उत्तराखंड की जनता के सपनों का राज्य आज उनके विनाश का जब कारण बन रहा हो तो हर राज्यवासी को दर्द होगा! धामी सरकार से उम्मीद की जानी चाहिए कि वह जनविरोधी विकास की समीक्षा कर उचित पहल करेंगे जिससे राज्य की विनाश लीला को रोका जा सके! इधर कुमाऊं मंडल के नैनीताल शहर को झील से बचाना जरूरी हो गया है! समय रहते नैनीताल की झील की समीक्षा नहीं हुई और उपाय नहीं खोजे गए तो एक दिन नैनीताल को बचा पाना भी मुश्किल हो सकता है! सड़क धंस रही है लेकिन उसके कारण नहीं तलाश रहे हैं! सड़क से कितने अंदर तक झील ने सुरंग बना दी है ये जांच का विषय होना चाहिए लेकिन ऐसा होता प्रतीत नहीं होता! बलिया नाला का हर साल रोना है! भीमताल झील में दरार आ गई लेकिन कोई सुध नहीं लेता! सरकार को चाहिए कि वह सभी जल विद्युत परियोजनाओं की समीक्षा कर जन विरोधी परियोजनाओ को तत्काल बंद करे! ऊर्जा के लालच में उत्तराखंड को जलमग्न नहीं किया जा सकता! ऊर्जा ही उत्तराखंड का मूल आधार न बने जनता को केंद्र में रखकर विकास का लाइन खींची जानी चाहिए! जल जंगल जमीन को बचाना सबका नैतिक कर्तव्य होना चाहिए! चिपको आंदोलन की याद जोशीमठ ने दिला दी है! वो लोग पागल नहीं थे जिन्होंने पेड़ नहीं काटने के लिए मजबूत पहल शुरु की थी! आज लोगों के रिश्ते जितने कम हुए उतना ही सामाजिक और आर्थिक नुकसान उत्तराखंड की धरती को हुआ है! भू माफिया एक नई समस्या बनकर सामने आया है! हर जगह गरीब लुट रहा है! दबंग पहाड़ की गरीब जनता का शोषण कर रहे हैं! कैसे बच सकेगा उत्तराखंड इस पर चिंतन करने की जरूरत है! धामी सरकार के रहमों करम पर सब टिका है दूसरी तरफ सीएम पुष्कर धामी सरकार ने समीक्षा का भरोसा दिया है।

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*जीवन जोशी*

जोशीमठ फ़ोटो दूरगामी नयन डेस्क
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