जीवन जोशी
नई दिल्ली। छब्बीस जनवरी आ रही है सब इस दिन झंडा ऊंचा रहे हमारा गीत गुनगुनायेंगे! देश ने आजादी के बाद क्या कुछ किया इसकी जानकारी लालकिले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री देते हैं।
1947 में भारत पूर्ण रूप से आजाद हो गया और फिर हर साल पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी को देश आजादी की खुशियां मनाता है। आज हम बात करते हैं क्या आजादी सही रूप में आम भारत वासी को मिली या कुछ चंद भर लोगों के हाथों सत्ता हस्तांतरित हुई ? आजादी के बाद भारत की प्राचीन संस्कृति पर सर्व प्रथम हमला हुआ और देश में इस्लामिक मदर्शे और इसाई मिशनरी पोजीशन बनाकर मिशन बतोर में बढ़ाई गई! हिंदू धर्म को तहस नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई! ओरंगजेब की परंपरा आज दिन तक धर्म निरपेक्षता के नाम पर चली आ रही है।
भारत में रहकर भारत माता की जय जयकार करने में जिसे दिक्कत है उसका कारण क्या है ? भारत सनातन संस्कृति पर आधारित देश है इसका इतिहास है लेकिन दुःख है कि आजादी के बाद भी भारत अपनी संस्कृति को भारत की शिक्षा में नहीं लाया! आज मुगल कालीन भाषा न्यायालयों में देखी जा सकती है। हर न्याय प्रणाली में भारतीय भाषा दूसरे दर्जे की नजर आती है।
भारत सनातन धर्म की बुनियाद रहा है और हिंदू धर्म ने हमेशा सनातन धर्म की रक्षा की है। देश में आज सनातन संस्कृति और सनातन धर्म समर्थक सरकार विराजमान है। आजादी के बाद से सत्ता हस्तांतरित होने के बाद देश में हिंदू विरोधी सरकारें बनती चली गईं! इसका मूल कारण था तुष्टिकरण! वोट बैंक सुरक्षित करने के लिए हिंदू धर्म को दबाया जाता रहा! राम मंदिर निर्माण विषय पर बात करते हैं तो इससे पहले क्यों नहीं राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ ? हिंदू को लालच देकर धर्म परिवर्तन आज भी अनवरत रूप से यदा कदा सामने आते रहता है! अपने ही देश में हिंदू को जब समाप्त करने की दिशा में पहल साठ साल जब होती रही तब समझा जा सकता है कितना कठिन है हिंदू धर्म को बचाना! लोग कहते हैं मोदी सरकार करती उतना नहीं जितना वोट मिल जाता है!
अब इनकी समझ में कैसे लाया जाए कि देश सनातन धर्म पथ पर अग्रसर होते हुए विद्यालयों की हर किताब से मुगल कालीन इतिहास हटाकर भारतीय सम्राट अशोक जैसे प्रतिभाशाली महापुरुषिओं के जीवन को भारतीय दर्शन बनाएगा! भारत सनातन धर्म पथ पर चल पड़ा है इसे रोकपाना अब किसी के बस में नहीं! भारत हिंदू धर्म का अनुयाई हैं और हिंदू राष्ट्र निर्माण की तरफ मोदी सरकार बढ़ रही है जिसे भारत के अन्य राजनीतिक दल रोक नहीं सकते क्योंकि उनके पास पीएम नरेंद्र मोदी का तोड़ नहीं है!
भारत अब धर्म निरपेक्षता से हिंदुत्व पथ पर अग्रसर है। हिंदू समाज के लिए महंगाई, बेरोजगारी मायने नहीं रखती! मायने ये रखती है कि जम्मू कश्मीर में झंडा तिरंगा है या पाकिस्तानी! आज देश का मतदाता धार्मिक भावनाओं में बह गया है जो अपने धर्म के लिए कुछ भी कर गुजरने की स्थिति में है! आजादी के बाद आठ साल से मजबूत हिंदू धर्म समर्थक सरकार है जिसने आठ साल बनाम साठ साल को पीछे धकेल दिया! देश आज भी पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के अलावा दूसरे को सक्षम मानने को तैयार नहीं है! लोगों में धर्म को बचाना है वाली भावना अब जाग गई है जिससे अन्य दल अलग थलग पड़ गए हैं! कुछ तो कहते हैं आधी रोटी खाएं लेकिन मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है! देश में हर साल की तर्ज पर लालकिले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण देंगे!
देश की जनता बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त है! रोजगार के अवसर पैदा किए जाने की नितांत आवश्यकता है! स्कूल/कालेज से निकलने वाले हर नौजवान का एक सपना होता है! डिग्री/डिप्लोमा हाथ में लेकर जब युवक अपने घर आता है तो परिजन कहते हैं बच्चा अब जल्द रोजगार पाएगा! लेकिन आज आजादी के इतने साल बाद भी हर हाथ को रोजगार, हर खेत को पानी देने में सफल नहीं हो सका!
भारतीय दर्शन में इस मांग को शामिल किया जाना चाहिए कि जो बच्चा स्कूल/ कॉलेज से निकले उसके बाहर निकलने तक रोजगार की गारंटी की जा सके! भारत भारतीयों का जब होगा तब सबकुछ संभव है! इस बार छब्बीस जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के बेरोजगारों के लिए कुछ सोचेंगे उनको रोजगार न मिलने तक हर माह तीन हजार बेरोजगारी भत्ता सरकार दे सकती है! ये योजना लागू होने से बेरोजगार के घर भी चूल्हा जला करेगा।
More Stories
बागजाला में किसान महासभा की पंचायत 24 को! पढ़ें जारी विज्ञप्ति में क्या लगाए हैं आरोप…
सीएम पुष्कर धामी से बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग! विधायक डा मोहन बिष्ट ने दिया ज्ञापन! पढ़ें लालकुआं विधानसभा क्षेत्र अपडेट…
*छात्राओं* ने बताया बूचड़खाना, सुनसान जगह जैसे स्नोव्यू , तप्पड़, हरीनगर में लड़के नशा कर पीछा करते हैं! नैनीताल के मॉल रोड वाले पार्क्स में अक्सर नशे में लड़के बैठे रहते हैं जो छेड़खानी करते हैं! पढ़ें डीएम वंदना की पहल नैनीताल की छात्राओं की पीड़ा…मूल में नशा…