Durgami Nayan

Latest Uttarakhand News in Hindi

हरीश रावत: हमें अपनों ने लूटा, लालकुआं से हरीश रावत की हार नहीं हो रही हजम

खबर शेयर करें -


-जीवन जोशी-


लालकुआं/नैनीताल। चर्चित विधानसभा क्षेत्र लालकुआं से कांगे्रस प्रत्याशी हरीश रावत कैसे हार गए इसे लेकर अब तक चर्चाओं का बाजार गर्म है यूं कहें कि डा. मोहन बिष्ट की जीत को लोग हरीश रावत की हार के चलते भूल सा गए हैं! यहां हर दुकान व चैराहों पर अब तक हरीश रावत की हार के कारणों पर चर्चा हो रही है फिर हो भी क्यों ना! बेहिसाब पैसा खर्च करके जब जीत का माॅडल दिखाने वाले नेता अपने ही बूथों से हरीश रावत को जीत न दिला सके तो क्या कहोगे! लोगों में चर्चा है कि हरीश रावत सीधे जनता के बीच जाते और स्वयं जनसंवाद स्थापित करते तो वह कदापि नहीं हारते। लोगों में चर्चा है कि कांगे्रस संगठन व कुछ चुनिंदा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गलत राय जहां हरीश रावत को दी वहीं नशे की बर्षात करवाने के पीछे भी हरीश रावत को घरघाट से पैदल करना था। लोग कहते हैं हरीश रावत को जानबूझकर हराया गया ताकि वह लालकुआं सीट पर काबिज ना हो सकें। गांव में प्रचार गांव के लोगों ने नहीं किया उनको प्रचार से दूर रखा गया किराए पर महिला मजदूरों को प्रचार में लगाया गया था जिससे स्थानीय लोग नाराज हो रहे थे। इसके अलावा शराब का बेहिसाब प्रचलन करके कुछ लोगों ने महिला वर्ग को नाराज कर दिया जिस कारण आधी आबादी ने ये तय कर लिया कि नशा परोस रहे लोगों ने उनके नादान बच्चे बिगाड़ दिए हैं इसलिए नशा बांटने वालों को हराओ और जो जीत सकता है जिसे सब जगह से वोट मिल रहा है उसे जिताओ! चुनाव से चार दिन पहले तक माहौल हरीश रावत के पक्ष में नजर आ रहा था लेकिन अचानक पैसा आया है का प्रचार हुआ और शराब का जखीरा बंदरबांट हुआ और कहानी रंग बदलने लगी पिक्कचर से हीरो बदल गया! चार दिन पहले तक हरीश रावत का जलवा कायम रहा लेकिन जहां कुछ लोगों का अंदरूनी षडयंत्र चला कि हरीश रावत फिल्म से बाहर हो गए! बिन्दुखत्ता की जनता के बीच घूमने से ज्ञात हुआ कि बूथवार वोटरों की सूची हरीश रावत तक नेताओं ने दी और बूथवार नोटों की गड्डी ली गई। बताया जाता है बूथ स्तर तक प्रचार हो गया था कि सूची गई है सबके लिए कुछ न कुछ आया है कहीं कहीं तो पैसा वंटा और ट्रैक सूट बांटे लेकिन सबको नहीं मिला जिससे कांगे्रस का वोट अचानक नाराज हो गया। इसके अलावा कांगे्रस हरीश रावत को चुनाव कम कुछ नेता अधिक लड़ा रहे थे! कई चेहरों की राय से हरीश रावत उठक बैठक लगाने को मजबूर थे! जिसको बूथवार हिसाब दिया उसने सोचा हरीश रावत बड़ा नाम है वह तो वैसे ही जीत रहे हैं फिर किसी को कुछ क्यों देना है ? जिसे जो मिला उसने उसे सौगात समझकर सहेज लिया! हरीश रावत को कहा जाता रहा 15 हजार से जीत रहे हो वह भी खुश हा रहे थे कि उनके चेलों ने उनको जिता दिया है! रात जी बेचारे क्या जानें कि उनके पीछे उनके कार्यकर्ताओं ने कौन सी चाल चली है! जनता ने न चाहते हुए भी कार्यकर्ताओं की हरकतों से वोट नहीं दिया! जो चार दिन पहले तक कांगे्रस कांगे्रस कर रही थी जनता वह एक दम कैसे बदल गई इस पर हरीश रावत को चिंतन करना होगा और षडयंत्र करने वालों को पहचानना होगा। जनता का मानना है कि जनता ने उन्हें लालकुआं विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष चुना है और वह पांच साल तक नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे जिससे लालकुआं क्षेत्र की जनता को नेता प्रतिपक्ष होने का लाभ मिल सके।

Ad
Ad
Ad
Ad