एक तरफ कुलदीप बिश्नोई ने भूपिंदर सिंह हुड्डा पर अटैक किया है तो वहीं पूर्व सीएम के समर्थक और नए प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने उन पर पलटवार किया। यहां तक यह जंग अब एहसान, बाप और दलित जैसे शब्दों तक आ गई है।
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई की क्रॉस वोटिंग और कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद से ही राजनीतिक वाकयुद्ध छिड़ा हुआ है। अब यह जंग और तेज हो गई है। एक तरफ कुलदीप बिश्नोई ने भूपिंदर सिंह हुड्डा और हाईकमान पर अटैक किया है तो वहीं पूर्व सीएम के समर्थक और नए प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने उन पर पलटवार किया। यहां तक यह जंग अब एहसान, बाप और दलित जैसे शब्दों तक आ पहुंची है। कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए दावा कर रहे थे और उनकी जगह उदयभान को पार्टी ने मौका दिया। तब से वह नाराज चल रहे थे और भाजपा ने उन्हें अपने पक्ष में साध लिया। कहा जा रहा है कि वह किसी भी दिन अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
उदयभान बोले- दलित को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से क्या है नाराजगी
यही नहीं कुलदीप बिश्नोई अब कांग्रेस पर खासे आक्रामक हैं। उन्होंने कार्तिकेय शर्मा की जीत के बाद कहा था कि मैंने 30 विधायक जेब में रखने की बात करने वालों का घमंड तोड़ दिया है। इस थप्पड़ की गूंज तो पूरे देश ने सुन ली होगी। इससे मेरे पिताजी की आत्मा को भी शांति मिली होगी। कुलदीप बिश्नोई राज्य के पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे हैं। उनकी इस टिप्पणी पर उदयभान ने तीखा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि एक दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से कुलदीप बिश्नोई नाराज क्यों हैं। इसके साथ ही उन्होंने थप्पड़ वाली बात का भी जवाब देते हुए कहा कि लोकतंत्र में असली तमाचा तो जनता मारती है और यह 2024 में पता चल जाएगा।
कुलदीप बिश्नोई को पिता के एहसानों की दिलाई याद
यही नहीं उदयभान ने कुलदीप बिश्नोई को अपने पिता की ओर से उनके पिता पर किए गए एहसान की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाने में मेरे पिता का भी योगदान थे, वह भी सदन में विधायक थे और समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि कुलदीप बिश्नोई को मेरे परिवार की ओर से किए गए एहसानों को भूलना नहीं चाहिए। य़ही नहीं हुड्डा परिवार पर भी कुलदीप बिश्नोई ने अटैक करते हुए कहा था कि वे तो बस खुद को और अपनी जाति को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। इस पर उदयभान ने कहा कि हुड्डा परिवार का तीन पीढ़ियों का इतिहास सामने है। इतना बड़ा परिवार रहा है, लेकिन एक पीढ़ी से एक ही व्यक्ति सियासत में रहा।
हुड्डा के वफादार उदभायन बोले- बिश्नोई का तो बेटा ही हारा चुनाव
उदयभान सिंह ने कहा कि पहले रणबीर सिंह हुड्डा, फिर भूपिंदर सिंह हुड्डा और अब तीसरी पीढ़ी के तौर पर दीपेंदर सिंह हुड्डा सियासत में हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि खुद कुलदीप बिश्नोई का पूरा परिवार राजनीति में लगा रहता है। उन्होंने तो अपने बेटे तक को लोकसभा में उतार दिया था, लेकिन जब चुनाव ही हार गया तो फिर कोई क्या कर सकता है। बता दें कि कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया है और अब उनकी ओर से भाजपा में जाने का संकेत दिया गया है।
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