
हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। नवंबर माह में पीसीएस मुख्य परीक्षा कराई जानी प्रस्तावित है। महिला आरक्षण का पेंच होने के चलते अभ्यर्थियों ने प्रस्तावित परीक्षा को सुप्रीम कोर्ट व सरकार के आदेशों तक स्थगित करवाने की मांग की है। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने बुधवार को हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश को ज्ञापन सौंपा है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगाने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने और अध्यादेश लाने की बात कही है। ऐसे में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने प्रभावित विभिन्न भर्तियों को सरकार के अगले आदेशों तक स्थगित कर दिया है, लेकिन पीसीएस की मुख्य परीक्षा को स्थगित नहीं किया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि दूसरे राज्यों की महिलाओं को शामिल कर 12 नवम्बर को परीक्षा प्रस्तावित की गई है। कहना है कि आयोग के इस प्रयास से परीक्षा देने वाली दूसरे राज्यों की महिलाओं पर बाद में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है। साथ ही परीक्षा की तैयारी के लिए सिर्फ 20 दिन का समय ही दिया जा रहा है। ऐसे में अभ्यर्थियों ने सरकार के अगले आदेश तक मुख्य परीक्षा रोकने की मांग की है।
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